किसानों के लिए मददगार साबित होगा चूना-आधारित ट्राइकोडर्मा जैव-कीटनाशक

मिट्टी की अम्लता को कम करने के लिए पारंपरिक रूप से चूने का उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन आमतौर पर चूने और ट्राइकोडर्मा जैसे लाभकारी सूक्ष्मजीवों के एक साथ उपयोग की सिफारिश नहीं की जाती है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने दोनों को मिलाकर एक बेहतरीन जैव-कीटनाशक विकसित किया है।

Update: 2024-01-12 07:48 GMT

कई बार किसान खेती में अच्छे बीज-खाद तो डालता है और पूरी मेहनत तो करता है, लेकिन मिट्टी जनित बीमारियों की तरफ ध्यान नहीं देता, जिसकी वजह से नुकसान भी उठाना पड़ जाता है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए एक ऐसा चूना आधारित ट्राइकोडर्मा फॉर्मूलेशन बनाया है जोकि न केवल पौधों की वृद्धि में मदद करता है, बल्कि मिट्टी की अम्लता को बेअसर करता है और मिट्टी जनित रोगों से बचाता है।

केरल के कोझीकोड स्थित आईसीएआर-भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक नया दानेदार चूना-आधारित ट्राइकोडर्मा फॉर्मूलेशन, 'ट्राइकोलिम' विकसित किया है। इसके एक नहीं कई फायदे हैं। यह एक एक फंगल बायोकंट्रोल एजेंट के रूप में काम करता है जो कई तरह के मिट्टी से पैदा होने वाले रोगजनकों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।


आईआईएसआर के निदेशक डॉ आर दिनेश के नेतृत्व में यहाँ के वैज्ञानिकों ने 'ट्राइकोलिम' को विकसित किया है। नए फॉर्मूलेशन के पीछे काम करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि ट्राइकोडर्मा कई मिट्टी-जनित पौधों के रोगजनकों को दबाने में प्रभावी साबित हुआ है और फसल उत्पादन में एक सफल जैव-कीटनाशक और जैव-उर्वरक के रूप में कार्य करता है।

निदेशक डॉ आर दिनेश इसके बारे में कहते हैं, "फॉर्मूलेशन मिट्टी में उपयोगी रोगाणुओं के विकास को भी बढ़ावा दे सकता है और मिट्टी की भौतिक स्थिति में सुधार करके, माध्यमिक पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाकर और मिट्टी की सूक्ष्मजीव गतिविधि को बढ़ाकर फसल को भी लाभ पहुँचा सकता है।"

इस फॉर्मूलेशन का महत्व मिट्टी की अम्लता को कम करने और जैव एजेंटों के रूप में पौधों की वृद्धि में मदद करता है। इससे मिट्टी में उपयोगी रोगाणुओं के विकास को भी बढ़ावा मिल सकता है। संस्थान को उम्मीद है कि इस उत्पाद के पीछे की तकनीक को अन्य लाभकारी बायो एजेंटों को शामिल करने के लिए भी बढ़ाया जा सकता है, जिससे टिकाऊ जैविक खेती का समर्थन करने के लिए उत्पाद विकास में नई संभावनाएँ खुलेंगी।

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