मेलबर्न (भाषा)। भारत और आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक गन्ने के क्षेत्र में मिलकर रिसर्च करेंगे ताकि गन्ने की खेती में सुधार के साथ-साथ गन्ने की अच्छी किस्मों को पैदाकर किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाया जा सके। इस परियोजना के तहत गन्ने की विभिन्न किस्मों में उत्पादकता, चीनी तत्व और सूखा सहनशीलता के लिए आनुवांशिक निर्माताओं की पहचान की जाएगी। इसके लिए आधुनिक जैव प्रौदयोगिकी का इस्तेमाल होगा।
आस्ट्रेलिया भारत रणनीतिक अनुसंधान कोष एआईएसआरएफ के तहत एक नये अनुदान की घोषणा हाल ही में की गई थी। ये परियोजना उसी का परिणाम है। शुगर रिसर्च आस्ट्रेलिया एसआरए के सीईओ नील फिशर ने कहा, 'इस अनुदान से एसआरए और गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयंबटूर के बीच भागीदारी की अनुमति मिली है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और आस्ट्रेलिया के साथ गठजोड़ के लिए महत्वपूर्ण देश है। ये अनुसंधान भागीदारी दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।