किसानों को चाहिए सिर्फ़ बछिया पैदा करने वाला सीमन

Update: 2015-12-25 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

बाराबंकी। प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही कामधेनु डेयरी योजना और कुक्कट विकास नीति 2013 को जमीनी स्तर से जानने के लिए उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीण कुमार ने निरीक्षण किया साथ ही जिले के प्रगतिशील किसान रामसरन वर्मा की प्रोसेसिंग यूनिट भी देखी।

कृषि उत्पादन आयुक्त ने सबसे पहले बाराबंकी जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा में विकास खण्ड पूरेडलई के गाँव घघवारा में जगदीश प्रसाद गुप्ता की कामधेनु डेयरी योजना का निरीक्षण किया। जगदीश ने 2014 में कामधेनु डेयरी योजना का लाभ उठाकर 16 गायों से डेयरी की शुरुआत की। आज उनके डेयरी फार्म में करीब 200 गाय (होल्सटीन फिजियन) है, जिनसे प्रतिदिन 700 लीटर दूध का उत्पादन किया जाता है। कामधेनु योजना में आने वाली के समस्या के बारे में जगदीश ने कृषि आयुक्त प्रवीन कुमार से कहा, "पशुओं को गर्भित कराने में ज्यादा समस्या आती है क्योकि अभी तक हमको ऐसा सीमन नहीं मिलता है जिससे सिर्फ बछिया ही पैदा हों, जबकि विदेशों में ऐसी सुविधा है। जब बछड़ा पैदा होता है तो उनके पालन-पोषण के साथ जब वो बड़े हो जाते है तो उनको छोडऩे की भी समस्या आती है।"

कामधेनु योजना की लागत एक करोड़ 20 लाख की है। एक करोड़ 20 लाख रुपये की लागत की इस योजना में 25 प्रतिशत लाभार्थी को व्यय करना पड़ता तथा अवशेष 75 प्रतिशत धनराशि लाभार्थी को बैंक से ऋण के रूप में प्राप्त होती है। बैंक से लिये गये ऋण के ब्याज की प्रतिपूर्ति शासन द्वारा की जाती है।

इसके बाद कृषि आयुक्त ने विकास खण्ड हरख के दौलतपुर गाँव के प्रगतिशील किसान रामसरन वर्मा कीकेले की खेती का अवलोकन किया और वहां पर स्थापित सब्जी, फल की प्रोसेसिंग यूनिट भी देखी। रामसरन वर्मा की प्रगतिशील खेती को देखकर प्रवीण कुमार ने प्रसन्नता व्यक्त की। आयुक्त ने रामसरन वर्मा से केला, सब्जी के उत्पादन में अपनाये जाने वाले प्रयोगों को भी जाना। 

प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही कुक्कुट विकास नीति-2013 का लाभ उठा कर विकास खण्ड बंकी के  मोहम्मदपुर गाँव में मुर्गी फार्म चला रहे मोईद अहमद के यहां निरीक्षण किया। मोईद के कामर्शियल लेयर्स फार्म में बी. वी-300 नस्ल मुर्गी की प्रजाति के 45,000 पक्षी है। मोईद बताते है, "एक साल पहले 45 हजार चूजे खरीद थें, जिससे अब रोज 32,000 अण्डे मिलते है। इस योजना से हमको काफी लाभ मिला है।" 

कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा, "प्रदेश में कुक्कुट विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत कई यूनिट स्थापित कराने की योजना है। इससे प्रदेश में अण्डे की आपूर्ति में आत्मनिर्भरता होगी और दूसरे प्रदेशों से अण्डे मगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।"

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