किसानों को फसल की कीमत तय करने का हक क्यों नहीं ?

Update: 2016-08-04 05:30 GMT
gaonconnection

नई दिल्ली (भाषा)। किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य नहीं मिलने का मुद्दा आज भी कई सदस्यों ने लोकसभा में उठाया और सरकार से सवाल किया कि जब एक माचिस तक पर उसकी कीमत लिखी होती है तो किसान को अपनी फसल की कीमत तय करने का अधिकार क्यों नहीं दिया जाता ? 

भाजपा के निशिकांत दूबे ने शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा कि कृषि समेत प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए ‘प्रायोरिटी सेक्टर लैंडिंग' की अवधारणा आने के 50 साल बाद भी देश में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों की स्थिति आज भी खराब है। जिन किसानों को दो-चार लाख रुपए ऋण चाहिए होता है, उन्होंने नहीं मिल पाता और बैंक पांच करोड़, 10 करोड़ रुपए लेने वालों को ऋण देती है। भाजपा सांसद ने कहा कि सरकार को ऋण के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों (प्रायोरिटी सेक्टर लैंडिंग) पर पुनर्विचार करना चाहिए और किसानों को सीधे ऋण सहायता दिए जाने पर विचार करना चाहिए।  

इंडियन नेशनल लोकदल के दुष्यंत चौटाला ने कृषि फसल बीमा योजना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस बीमा योजना की राशि किसानों से जबरन किसान क्रेडिट कार्ड योजना में से लागू कर रहे हैं। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना में गाँव को यूनिट न मानकर सरकार खेत को यूनिट माने और उसके आधार पर बीमा करें।

      

Similar News