लखनऊ (भाषा)। मायावती ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव में किसी अन्य दल के साथ चुनावी गठबंधन या समझौता नहीं करेगी।
मायावती ने कहा, ‘‘यूपी के साथ-साथ उत्तराखंड व पंजाब राज्य में होने वाले अगले विस चुनाव में बसपा अपने बलबूते पर चुनाव लड़कर सत्ता की मास्टर चाभी खुद अपने हाथों में लेने का प्रयास करेगी।’’ चुनाव चाहे लोकसभा का हो या राज्यों में विधानसभा का, बसपा के लिए यह मामला पार्टी के सिद्धांत व विचारधारा से जुड़ा हुआ है।
पीड़ित लोगों की पार्टी है बसपा
मायावती ने कहा कि विरोधी पार्टियां खासकर कांग्रेस व भाजपा की विचारधारा बसपा से बिल्कुल अलग है। ये दोनों ही पार्टियां बड़े-बड़े पूंजीपतियों को संरक्षण देती हैं, जबकि बसपा सर्वसमाज के गरीबों व यहां की जातिवादी व्यवस्था से पीड़ित लोगों की पार्टी है, जिसकी विचारधारा ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ पर आधारित है।