वाशिंगटन (भाषा)। आज से पांच साल पहले प्रक्षेपित किया गया नासा का जूनो अंतरिक्ष यान कल हमारे सौर मंडल के सबसे बडे ग्रह यानी बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश कर रहा है। इसके साथ ही सौर उर्जा से संचालित यह अंतरिक्ष यान बृहस्पति से जुड़े रहस्यों का अध्ययन करना शुरु कर देगा।
नासा ने कहा कि अंतरिक्षयान के प्रमुख ईंजन का प्रज्वलन पूरा हो जाएगा और यह ग्रहों के राजा की कक्षा में पहुंच जाएगा। अपने इस अन्वेषण अभियान के दौरान जूनो बृहस्पति की दुनिया का चक्कर 37 बार लगाएगा। यह बृहस्पति के ईर्द-गिर्द मौजूद सबसे उंचे बादलों के निचले हिस्से की पड़ताल करेगा और ग्रह की उत्पत्ति, संरचना, वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र को समझने के लिए इसकी सुबहों का अध्ययन करेगा।
जूनो के कक्षा में प्रवेश करने वाले चरण के दौरान यह यान कई प्रक्रियाओं को अंजाम देगा ताकि मुख्य ईंजन का प्रज्वलन हो सके। यह इसे कक्षा की ओर निर्देशित करेगा। इस प्रज्वलन से दरअसल अंतरिक्ष यान की 542 मीटर प्रति सेकेंड के वेग में मध्यम परिवर्तन होगा।
जूनो का नाम यूनानी और रोमन पौराणिक कथाओं से आया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान बृहस्पति ने अपनी शरारतों को छिपाने के लिए अपने चारों ओर बादलों का घेरा बना लिया था और उनकी पत्नी एवं देवी जूनो ने इन बादलों को भेदकर बृहस्पति की असली प्रकृति का पता लगा लिया था।