गाँव कनेक्शन नेटवर्क
कॉम्पिटन कमीशन ऑफ़ इंडिया ने अमेरिका कंपनी मॉनसेंटो के बाज़ार दबदबे की जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल मॉनसेंटो को केंद्र की ओर से जारी कॉटन प्राइस कंट्रोल ऑर्डर को लेकर आपत्ति है। हालांकि मॉनसेंटो ने सरकारी कीमतों को चुनौती नहीं दी है।
सीसीआई के आदेश के बाद सरकार की ओर से नियुक्त पैनल कपास बीजों की अधिकतम कीमतों पर सुझाव देने के लिए मंगलवार को बैठक करेगा।
ये पैनल फैसला करने के लिए माहिको मॉनसेंटो बायोटेक और नेशनल सीड्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया से भी राय लेगा। कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक़ कृषि मंत्रालय की अगुवाई वाला पैनल बीज कीमत, लाइसेंस फीस, ट्रेड मार्जिन और दूसरे टैक्सों पर विचार करने के बाद कपास बीजों की बिक्री अधिकतम कीमत पर तय करने का फ़ैसला करेगा।
कृषि मंत्रालय के सूत्रों मुताबिक़ किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है। क्यों कि अगर मॉनसेंटों जैसी विदेशी कंपनियों का घरेलू बाज़ारों पर 85-90 फीसदी कब्जा होगा तो ये किसानों के हित की बात नहीं।
सरकार के कदम उठाने की वजह
दरअसल कपास बीजों की बिक्री करने वाली अमेरिकी कंपनी मॉनसेंटो का भारतीय कपास बीज बाज़ार पर 90 फीसदी कब्जा है और घरेलू कंपिनयों के लिए ये किसी भी तरह से ठीक नहीं है। सिर्फ इतना ही नहीं अगर बाज़ार में सिर्फ़ एक विक्रेता होगा तो किसानों को मजबूरन मंहगे कपास के बीच खरीदने होंगे।