नई दिल्ली (भाषा)। उत्तरी कर्नाटक में पड़े सूखे का जायज़ा लेने के बाद केंद्र की जांच टीम अगले हफ्ते सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार राज्य की 1,400 करोड़ रुपये की मांग को पूरा करने के बारे में फैसला लेगी।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "केंद्रीय टीम ने कर्नाटक के उत्तरी भाग में सूखा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। फिलहाल दल रिपोर्ट तैयार कर रहा है और अगले सप्ताह अंतिम रिपोर्ट सौंपेगा।" राज्य पिछले दो साल से सूखे की स्थिति का सामना कर रहा है और कमजोर मानसून के कारण उत्तरी कर्नाटक के 12 जिलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। राज्य सरकार ने स्थिति से निपटने के लिये 1,400 करोड़ रुपये के राहत की मांग की है। राज्य ने सूचित किया है कि रबी फसल का रकबा मौजूदा फसल साल जुलाई-जून: 2015-16 में 35 लाख हैक्टेयर रहा। इसमें से करीब 33 प्रतिशत सूखे से प्रभावित हुए हैं। राज्य के सूखा प्रभावित जिलों में जलाशयों में जल स्तर घटने से पेयजल की भारी समस्या हो गयी है। कर्नाटक के उत्तरी जिलों में बेलगांव, बीदर, बीजापुर, बागलकोट, हावेरी, गड़ाग, धारवाड़, गुलबर्गा, कोप्पल, बेल्लारी और रायचुर शामिल हैं। ये शुष्क क्षेत्र हैं और यहां औसतन केवल 711 एमएम बारिश होती है। कुल 10 राज्यों ने 2015-16 में खरीफ के दौरान देश में सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित किये हैं। केंद्र ने इन राज्यों को राहत पैकेज के रूप में 12,000 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए हैं।