कृषि मंत्री का आरोप, कांग्रेस राज में हुई सिंचाई के पैसे की बंदरबाट

Update: 2016-04-26 05:30 GMT

नई दिल्ली (भाषा)। लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान सूखे की स्थिति पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच शब्दबाण चले और कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने 'कांग्रेस सरकार के समय महाराष्ट्र में सिंचाई योजनाओं के पैसे की बंदरबांट हुई है और इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए।'

प्रश्नकाल के दौरान कृषि मंत्री शिवसेना के एक सदस्य के उस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या मराठवाड़ा के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को राहत प्रदान की जायेगी। इसी दौरान कांग्रेस के कुछ सदस्य मंत्री से राहत प्रदान करने के बारे में बताने को कहा।

राधा मोहन सिंह ने कहा, 'मराठवाड़ा में सबसे अधिक बड़े बांध बनाये गए लेकिन इन बांधों का निर्माण चीनी मिलों के हितों के पोषण के लिए हुआ और किसानों को इसका लाभ नहीं पहुंचा, किसानों का हित नहीं हुआ।' उन्होंने कहा, 'इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आए। महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जहां सिंचाई योजना के पैसे की बंदरबांट हुई है।' पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पुरानी परिपाटी रही है कि राज्यों को देर से पैसा जारी किया जाता था। मनरेगा का पैसा राज्यों को देर से मिलता था। यह जुलाई-अगस्त के दौरान दिया जाता था।

कृषि मंत्री ने कहा कि हमने प्रयास किया है कि बजट को अंतिम रुप दिये जाने के तत्काल बाद पैसा जारी कर दिया जाए। इस बारे में राज्यों से चर्चा की है। पुरानी परिपाटी और विसंगतियों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

 राधा मोहन सिंह ने कहा कि जहां तक तेलंगाना का सवाल है, खरीफ के समय ज्ञापन आया था और राज्य को राशि जारी की दी गई है।

कृषि मंत्री ने कहा कि सूखा प्रभावित 10 राज्यों को 2016-17 के लिए केंद्र के अंश की पहली किस्त भेज दी गई है। 

किस राज्य को कब कितने पैसे आवंटित किए गए

उत्तर प्रदेश के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद राज्य को 2800 करोड़ रुपये जारी किये गए हैं। राज्य को 2014-15 में 777 करोड़ रुपये और 2015-16 में 1304 करोड़ रुपये जारी किये गए।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को 2014-15 के दौरान 1962 करोड़ रुपये जारी किये गए जबकि 2015-16 के दौरान 3049 करोड़ रुपये जारी किये गए। कर्नाटक को 2014-15 के दौरान 200 करोड़ रुपये और 2015-16 के दौरान 1540 करोड़ रुपये जारी किये गए। आंध्रप्रदेश को 2014-15 के दौरान 237 करोड़ रुपये और 2015-16 के दौरान 433 करोड़ रुपये जारी किये गए। छत्तीसगढ़ को 2015-16 के दौरान 1276 करोड़ रुपये जारी किये गये जबकि इस अवधि में महाराष्ट्र को 2032 करोड़ रुपये जारी किये गए।

सिंह ने कहा कि झारखंड को 2015-16 के दौरान 336 करोड़ रुपये और राजस्थान को 1193 करोड़ रुपये जारी किये गए। ओडिशा को इस अवधि के लिए 815 करोड़ रुपये जारी किये गए।

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