लखनऊ। सरकार कुपोषण को दूर करने के लिए भले ही कई सरकारी योजनाएं चला रही हो पर अभी भी हमारे समाज में एक वर्ग ऐसा है।
जहां आज भी गरीबी, शिक्षा और चिकित्सा के अभाव में माताएं कुपोषित बच्चों को जन्म दे रही हैं। वहीं बलरामपुर चिकित्सालय में कुपोषण को दूर करने के लिए कुपोषित बच्चों को एनआरटी न्यूट्रीशियन रिहेबिलिटेशन वार्ड में पोषक तत्वों से भरपूर भोजन देने के साथ डॉक्टरों के व्यक्तिगत प्रयासों से उन बच्चों के मनोरंजन के लिए आकर्षक खिलौने भी दिए जा रहे हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में उदासीनता
बलरामपुर चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक राजीव लोचन बताते हैं, “ग्रामीण इलाकों व मलीन बस्तियों में रह रहे कुपोषित बच्चों को इससे निजात दिलाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के सदस्यों के अंदर खास जागरूकता नहीं नजर आ रही है। जिसके चलते कुपोषित बच्चों के लिए सरकारी अस्पतालों में की गई एनआरसी वार्डों में इलाज व्यवस्था का लाभ बहुत कम बच्चों को मिल पा रहा है।”
बलरामपुर अस्पताल प्रशासन द्वारा बुधवार को लखनऊ जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों के सदस्यों व एनआरसी के डॉक्टरों के बीच एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रूप से बाल रोग चिकित्सक डॉ. चावला भी उपस्थित रहीं।
डॉ. राम लोचन ने बताया, “इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों के सदस्यों को कुपोषण दूर करने के लिए प्रयासों को तेज करना एवं अस्पताल में कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए दी जा रही सुविधाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कहा गया। इस दिशा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एनआरसी के प्रयासों को और तेज करने पर चर्चा की गई।”
बच्चों के परिजनों को मिलता है खाना और पैसा
डॉ. राजीव लोचन ने बताया, “बलरामपुर अस्पताल में सरकार द्वारा कुपोषित बच्चों के लिए काफी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। जिनमें इलाज के साथ-साथ उनके साथ आए परिजनों को अस्पताल की मेस में मुफ्त खाने के अलावा पचास रुपए प्रतिदिन दिया जाता है।
साथ ही बच्चों को बिल्कुल घरेलू माहौल देने के लिए इलेक्ट्रिक कार, ट्राइसिकिल, बिल्कुल छोटे बच्चों के लिए बेबी वाकर्स व ऐसे ही कई अन्य आकर्षक खिलौने रखे गए हैं। बच्चों को यह खिलौने बेहद पसंद आ रहे हैं।” उन्होंने बताया, “पहले कुपोषित बच्चों के साथ आई उनकी माताओं को खाने के साथ सौ रुपए दिए जाते थे। पर सीएमओ के आदेश के बाद से यह राशि घटाकर सौ से पचास रुपए कर दी गई है।