लाइसेंसी खाद्य विक्रेताओं को देनी होगी आय की जानकारी

Update: 2016-01-23 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

उन्नाव। अब लाइसेंसधारक खाद्य व्यापारियों को आयकर रिटर्न की कॉपी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में जमा करनी होगी। बारह लाख रुपये से ज्यादा का सालाना व्यापार करने वालों के लिए विभाग में आय की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है। यही नहीं छोटे खाद्य व्यापारियों को बिल न काटने की जानकारी देने के लिए शपथपत्र भी देना होगा।

प्रदेश सरकार ने खाद्य पदार्थों का व्यापार करने वाले सभी छोटे व बड़े दुकानदारों को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस अनिवार्य कर रखा है। सालाना बारह लाख रुपये से अधिक का व्यापार करने वाले दुकानदारों को लाइसेंस और इससे कम वालों को विभाग में पंजीकरण कराना होता है। मौजूदा समय में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में 4129 छोटे दुकानदारों ने पंजीकरण करा रखा है। साथ ही लगभग दो सौ बड़े दुकानदार लाइसेंसधारक हैं।

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, ''जनपद में बारह लाख से अधिक का सालाना व्यापार करने वालों की संख्या हजारों में है, लेकिन लाइसेंस कम ने ही ले रखा है। यह दुकानदार खुद को छोटे व्यापारी बताकर विभाग की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं। इसलिए शासन ने अब ऐसे दुकानदारों पर शिकंजा कसने की कार्रवाई शुरू कर दी है।’’ अभिहित अधिकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन डॉ सुधीर कुमार ने बताया, ''जिन दुकानदारों ने खाद्य पदार्थों का व्यापार करने के लिए लाइसेंस ले रखा है उनके लिए आयकर रिटर्न की एक कापी खाद्य विभाग में जमा करनी होगी। इससे कम का व्यापार करने वाले छोटे दुकानदारों को शपथपत्र देना होगा।

रिपोर्टर - श्रीवत्स अवस्थी

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