श्रावस्ती। सरकार लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए तमाम योजनाओं पर अरबो रुपए पानी की तरह बहाती है, पर समय बीतने पर उन योजनाओं और उनपर खर्च हुए रुपयों का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
जनपद में वर्ष 2009 में स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत ग्रामीण किसानों के स्वरोजगार के लिए पंचायत स्तर पर लाखो ख़र्च कर बनाए गए विलेज हाट का कोई देखभाल करने वाला नहीं है।
इस योजना में पंचायत की भूमि पर विलेज हाट का निर्माण कराकर उसमे क्षेत्रीय किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए दुकाने और बाजार हाट चलाने की व्यवस्था थी। जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों का 75:25 की भागीदारी सुनिश्चित थी जिसकी देख-रेख की जिम्मेदारी डीआरडीए की थी, लेकिन जिले स्तर की लापरवाही और एसजीएसवाई के एनआरएलएम में विलय हो जाने के बाद इसकी निगरानी मिशन डायरेक्टर के हाथ चली गयी।
जमुनहा ब्लॉक के बदला चौराहा निवासी 40 वर्षीय कमल से जब विलेज हाट के बारे में पूछा गया तो इन्होने बताया की हमें ऐसी किसी योजना की जानकारी नहीं है। अगर इस तरह की व्यवस्था होती तो हमे अपने आमो को बेचने के लिए दर-दर भटकना न पड़ता।
अब सरकार इस पर लाखों ख़र्च करे या करोड़ो हमारे लिए तो बेकार है। इस सम्बन्ध में मल्हीपुर बाजार के 45 वर्षीय समाजसेवी राम कुमार पाठक से पूछ गया तो उन्होंने बताया की ये योजना आई तो थी पंचायत स्तर पर विलेज हाट भी बनाये गए, लेकिन किसानों को इसका कोई फायदा नहीं मिला जिसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार है।
प्रशासन ने ठेके पर भवन बन दिया पर इसके बारे में किसी को नहीं बतया। इस सम्बन्ध में जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण से संपर्क किया गया तो पता चला आगामी 15 जुलाई को मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर सब व्यस्त है इसके बाद इस पर जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
रिपोर्टर - प्रशांत श्रीवास्तव