पके हों या कच्चे, फायदेमंद हैं केले और पपीते: Herbal Acharya

Update: 2019-04-18 08:00 GMT

फलों के अपने खास औषधीय गुण होते हैं। फलों की जो भी अवस्थाएं हो, हर अवस्थाओं में इनके गुण अलग-अलग तरह के होते हैं। केले और पपीते में भी यही बात देखी जा सकती है। सबसे पहले हम बात करते हैं कच्चे केले और कच्चे पपीते के बारे में। गुजरात में कच्चे पपीते का बेजा इस्तेमाल बतौर चटनी किया जाता है। यहां के स्थानीय व्यंजन जैसे ढोकला, फाफड़ा, गाँठिया आदि के साथ पपीते की चटनी जरूर परोसी जाती है।

कच्चे पपीते का छिलका उतार लिया जाता है और इसे कद्दूकस करके बारीक कर लिया जाता है। पपीते के इन पतले-पतले टुकड़ों में नमक, मिर्च, हल्दी आदि डालकर चटनी तैयार करी जाती है जो बेहद स्वादिष्ट होती है। इस चटनी को इन स्थानीय व्यंजनों के साथ परोसा जाता है।

पारंपरिक जानकारों के अनुसार पपीता दस्तरोधक और पाचक होता है। इन पारंपरिक व्यंजनों में बेसन की मात्रा ज्यादा होने से इसे बेहतर तरीके से बचाने में पपीता सहायक साबित होता है।

कच्चे केले में भी औषधीय गुण पाए जाते हैं। कच्चे केले को घर में लाकर किसी अंधेरे स्थान पर रखें और इसे प्राकृतिक रूप से पकने दें, इसका स्वाद बेमिसाल होता है। साथ ही यह सेहत के लिए भी कारगर होता है।

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कच्चा केला दस्त रोकने में मददगार होता है और इसका पल्प मुंह के छालों में भी आराम दिलाता है। जब-जब मुंह में छाले हो जाएं तो कच्चे केले के पल्प को मसल कर छालों के ऊपर लगाया जाना चाहिए। ऐसा दिन में तीन से चार बार करने पर मुंह के छालों में आराम मिल जाता है। ठीक इसी तरह शरीर पर कहीं घाव बन गए हो तो भी कच्चे केले के पल्प का इस्तेमाल किया जा सकता है।

पके हुए फलों के औषधीय गुणों के बारे में सारी दुनिया जानती है। पूरी तरह से पका हुआ पपीता कब्जियत दूर करता है यानी पेट साफ करने में मदद करता है।

जहां एक तरफ कच्चा पपीता दस्त रोकने में मददगार होता है वहीं दूसरी तरफ पका हुआ पपीता पेट सफाई का काम करता है। पके हुए केले के भी औषधीय गुण होते हैं पका हुआ केला शारीरिक स्फूर्ति प्रदान करता है और कमजोरी दूर करने में मददगार होता है।

जिन लोगों को वजन बढ़ाना हो उनके लिए केला एक बेहतरीन उपाय हैं। दिन में दो बार एक गिलास दूध के साथ कम से कम 2 केलों को मसल कर खाया जाए तो यह शरीर में पर्याप्त खनिज और पोषक तत्वों को पहुंचा देते हैं। इसकी मदद से वजन बढ़ने में मदद मिलती है।इसी तरह के पारंपरिक सटीक नुस्खों को जानने के लिए हमारा शो 'हर्बल आचार्य' देखते रहें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें ताकि नए एपिसोड्स के नोटिफिकेशन आपको समय-समय पर मिलते रहें।

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