लड़कियों के कपड़ों पर बागपत की पंचायत का नया फरमान

Update: 2016-04-11 05:30 GMT
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बागपत (भाषा)। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक गाँव की पंचायत ने लड़कियों के जींस और तंग कपड़े पहनने को सामाजिक बुराइयों की बड़ी वजह करार दिया है। पंचायत ने ऐसे कपड़ों पर पाबंदी लगाते हुए कहा कि ऐसी लड़कियों और औरतों का उनके परिवार समेत बहिष्कार किया जाएगा। 

जिले के बावली गाँव की पंचायत में लिये गये फ़ैसले की जानकारी देते हुए गांव के प्रधानपति ओमवीर ने बताया कि कल गाँव में अयोजित पंचायत में सामाजिक व्यवस्था को सुधारने के लिए अहम मुद्दों पर गंभीरता से चिंतन करने के बाद पंचायत ने सबसे पहले लड़कियों के जींस और तंग कपडे पहनने पर प्रतिबंध लगाने का फ़ैसला किया है। उन्होंने बताया कि पंचों ने कहा है कि लड़कियों का पहनावा दिन-ब-दिन बिगड़ता जा रहा है जो समाज और खुद लड़कियों के हित में नहीं है, इसलिए अब गाँव की किसी लड़की ने जींस या टाइट कपड़े पहने तो उसका विरोध किया जायेगा।

इसके बाद भी लड़की नहीं मानी तो उसका और उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा। ओमवीर ने कहा कि कोई भी पहनावा वहां के माहौल के हिसाब से पहना जाना चाहिये। पश्चिमी देशों में जींस और तंग कपड़े पहनने का पुराना रिवाज़ है, इसलिये वो उसके अभ्यस्त हैं। उससे उनके समाज में आमतौर पर खराबी नहीं फैलती लेकिन हमारे समाज में हमेशा से लड़कियों का शरीर छुपाने की चीज रही है। भारतीय परिवेश में लडकियों के तंग कपड़े पहनने से शर्म-हया की परंपरा को चोट पहुंचती है, लिहाजा पंचायत ने ये फैसला किया है।

उन्होंने बताया कि पंचायत में समाज में बढ़ती दहेज कुरीति पर चिन्ता जताते हुए दहेज लेने और देने वालों का भी बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा शादी में डीजे बनाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। पंचायत ने भ्रूण हत्याओं पर भी रोक लगाने का फरमान भी सुनाया। साथ ही तेरहवीं संस्कार में भोजन ना करने की हिदायत भी दी।

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