पेस्टीसाइड मैंनेजमेंट बिल 2020: कीटनाशक से बर्बाद हुई फसल तो किसानों को मिलेगा मुआवजा

Update: 2020-02-12 11:56 GMT

अगर किसी कीटनाशक के डालने के किसान की फसल बर्बाद होती है तो किसानों को इसके बदले मुआवजा मिलेगा। केंद्र सरकार ने पेस्टीसाइड मैंनेजमेंट बिल 2020 में इसका प्रावधान किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को इस बिल पर मुहर लगा दी। इसके अनुसार नकली, मिलावटी कीटनाशक बेचने पर जेल भी हो सकेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, "किसानों के हित में ये बहुत बड़ा फैसला है। कीटनाशक कंपनियां अब मनमानी कीमत पर कीटनाशक नहीं बेच पाएंगी। साथ ही अगर किसी कीटनाशक से किसान की फसल बर्बाद होती है तो कंपनी पर जुर्माना लगाया जाएगा और किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।"

कैबिनेट के फैसलों के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए देखिए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने क्या कहा...

कैबिनेट की लगी मुहर, अब संसद में होगा पेश

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "किसानों को मुआवजा देने के लिए सरकार एक फंड भी बनाएगी, इसके लिए एक कमेटी बनेगी जो फसल बर्बादी की दशा में किसान को मुआवजा देगी। उन्होंने कहा कि कीटनाशकों की कीमतों से जुड़े इस बिल (Pesticide Management Bill 2020) को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। अब इसे संसद में पास कराया जाएगा।"

भारत में कीटनाशकों का निर्माण और बिक्री अधिनियम 1968 के तहत हो रही थी, काफी समय से इसे बदलने की मांग हो रही थी। मौजूदा कानून में कीटनाशकों के केवल विनिर्माण, बिक्री, आयात, परिवहन उपयोग और वितरण को शामिल कया गया है।

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "सरकार इस बिल को लाने का मकसद किसानों को कृषि रसायनों की कीमतों का सस्ती करना और उन्हें किसानों तक सरलता से उपलब्ध करवाना है। नए प्रावधानों के तहत किसानों को पता हो जो कीटनाशक वो खरीद रहा है उसकी खूबियां क्या हैं, कमियां क्या हैं और इसके दूसरे विकल्प क्या हैं?, अब कंपनियां किसानों के धोखाधड़ी नहीं कर पाएंगी।"

नकली कीटनाशाक बेचने पर जेल

विधेयक के अनुसार अगर कोई कीटनाशक विक्रेता नकली कीटनाशक, मिलावटी कीटनाशन,बिना रजिस्ट्रेशन वाला कीटनाशक बेचता पाया गया तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है साथ ही आपराधिक मुकदमा चलाकर जेल भी भेजा जा सकेगा।

इससे पहले साल 2008 में ये बिल आया था लेकिन संसद में पास नहीं हो सका था। जिसके बाद विधेयक को स्थायी कमेटी को भेजा गया, उसकी सिफारिशों और अन्य सुझावों को ध्यान में रखकर नया बिल कीटनाशक प्रबंधन बिल 2020 तैयार किया गया है। केंद्र सरकार के लिए इसके लिए एक फंड बनाया जाएगा। साथ ही भ्रमित करने वाले कीटनाशक विज्ञापनों के लिए गाइडलाइ तय करेगी और ऐसा करने वालों के खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा।

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