लंदन (भाषा)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उदार, धर्मनिरपेक्ष, समावेशी, बहुलवादी लोकाचार पर लगातार हमलों ने लोकतंत्र को खतरे में डाल दिया है।
कुमार ने डबलिन के प्रतिष्ठित ट्रिनिटी कॉलेज में एक व्याख्यान में कहा कि विश्वविद्यालय परिसरों में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के औपनिवेशिक कानून के दमनकारी प्रवर्तन की हालिया घटना ने भारत के उदार लोकतंत्र के भविष्य पर कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
पूर्व में संप्रग सरकार में कानून एवं विधि मंत्री रहे अश्विनी ने कहा, ‘‘भारत के उदार, धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और बहुलवादी लोकाचार पर लगातार हमले ने भारतीय लोकतंत्र को खतरे में डाल दिया है।'' कुमार ने मौजूदा व्यवस्था पर हमला बोलते हुए कहा कि ऐसे कई उदाहरणों ने अमेरिकी राजनीतिक विचारक जेम्स मेडिसन की याद दिला दी है जिन्होंने लंबे समय पहले चेतावनी दी थी कि स्वतंत्रता के हिंसक एवं अचानक हनन के बजाए सत्ताधारियों के धीमे एवं गुपचुप तरीके से अतिक्रमण से इसका हनन होगा।
उन्होंने स्वतंत्रता को उदारवादी व्यवस्था पर हमलों का पहला शिकार बताते हुए इन्हें गंभीर वैश्विक चुनौती बताया। कुमार ने ऐसे समय पर ये टिप्पणियां की हैं जब पिछले कुछ महीनों में भारत में कई लेखक, कलाकार और नागरिक समाज के सदस्य इस मुद्दे पर चिंता जता रहे हैं।
63 वर्षीय राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि स्वतंत्रता की कीमत अत्यधिक सतर्कता है। एक जानकार एवं मुखर नागरिक वर्ग ही अपनी स्वतंत्रता एवं प्रतिष्ठा की रक्षा कर सकता है।'' अश्विनी ने ‘द एक्सपेंशन ऑफ कान्स्टीट्यूशनल फ्रीडम्स इन इंडियन- द आयरिश इंटरफेस एंड फ्यूचर चैलेंजिस' विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि स्वतंत्रता के पथप्रदर्शक भारत एवं आयरलैंड का साझा अतीत है, ऐसे में दोनों देशों को स्वतंत्रता के मार्ग पर एकसाथ आगे बढ़ना चाहिए ताकि वे दूर तक जा सकें।