लगातार कम्प्यूटर पर करते हैं काम तो जरूर पढ़ें

Update: 2016-07-15 05:30 GMT
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लखनऊ। लगातार घंटो कंम्प्यूटर या मोबाइल पर बैठकर काम करने का सबसे ज्यादा असर हमारी आंखों पर पड़ता है, जिससे कारण सिर दर्द, तनाव, अनिद्रा और कई बीमारियों के होने की संभावना बढ़ जाती है। 

आंखों से जुड़ी इस तकलीफ के बारे में लखनऊ के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक माहेश्वरी बताते हैं, इस बीमारी को डिजीटल आई स्ट्रेन कहते हैं। यह बीमारी बहुत तेजी से लोगों में बढ़ रही है।

पहले सिर्फ कंप्यूटर पर काम होता था लेकिन अब लैपटॉप, टैबलेट्स, स्मार्ट फोन भी हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। इन चीजों के बहुत अधिक इस्तेमाल से डिजीटल आई स्ट्रेन की शिकायत हो जाती है। इसकी शुरुआत आंखों में हल्के दर्द से हो सकती है लेकिन समय रहते इलाज नहीं कराया जाए तो भविष्य में आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

लक्षण

आंखों में खिंचाव महसूस होना, आंखों में पानी आना, दर्द होना, धुंधला दिखना, लाला होना, इसके शुरुआती लक्षण हैं। इसके साथ ही सिरदर्द और घबराहट भी हो सकती है। कई बार ये चिड़चिड़ेपन का कारण भी हो सकता है।

रोकथाम और उपचार

1. डिजिटल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना जरूरी है। ऐसे में हमें उनके इस्तेमाल का सही तरीका भी पता होना चाहिए। इन चीजों को आंखों के बहुत पास या दूर रखकर इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है। इन चीजों को एक नि‍श्च‍ि‍त दूरी पर रखकर ही इस्तेमाल करना चाहिए।

2. जिस कमरे में बैठकर आप इन चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं वहां पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए, वरना आंखों पर जोर पड़ेगा।

3. 20-20-20 का नियम फॉलो करना चाहिए। जो लोग ऑफिस में कंप्यूटर और लैपटॉप में देर तक काम करते हैं, उन्हें हर 20 मिनट पर 20 फीट दूर पर रखी चीज को 20 सेकंड के लिए देखना चाहिए। ये आंखों के तनाव को कम करता है।

4. स्क्रीन ज्यादा ब्राइट नहीं होनी चाहिए और फॉन्ट साइज बहुत छोटे नहीं होने चाहिए।

5. जब आप देर तक कंप्यूटर पर काम करते हैं तो आपकी पलकें एक मिनट में 6-8 बार ही झपकती हैं जबकि 16-18 बार पलकों का झपकना नॉर्मल होता है। ऐसे में आवश्यक रूप से हर छह महीने में एकबार आंखों की जांच करानी चाहिए।

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