मां के शव के साथ बिलखते रहे मासूम बच्चे

Update: 2016-03-20 05:30 GMT
Gaon Connection

लखनऊ। एक परिवार की महिला की हत्या से उसके चार बच्चों के छिने आसरे को देख रिश्तेदार व ग्रामीणों सहित सभी दुखी हैं। यह रोते बिलखते बच्चे सभी से अपनी मां को वापस बुलाने की बात कह फफक पड़ते हैं। बच्चे कभी मां की लाश पर गिरकर उसे जगाने और कभी अलग हटकर एक दूसरे से चिपककर रोते बिलखते रहे। 

 यह दर्दनाक दृश्य ग्राम घोला मे लीलावती के दरवाज़े पर दो दिन से पड़ी उसकी पुत्री कुसमी की लाश पर होता रहा। ग्राम सादुल्लानगर मे ब्याही इस मृतक कुसमी का पति राजू छ: वर्ष पहले देहांत हो गया था। देहान्त के समय उसकी पत्नी की कोख मे पांच माह का एक बच्चा पल रहा था। मां की बृहस्पतिवार को हुई हत्या के समय इस बच्चे रामू की आयु पांच वर्ष हुई है। 

रामू रोते हुए कहता है,“ मैं अपने पिता को नहीं जानता। मां ही उसे खाना पानी देती थी। अब कैसे खाना कौन देगा।” कुसमी की बड़ी पुत्री रोशनी (14 वर्ष) मां की लाश पर सिर पटकते हुए चिल्लाती है कि स्कूल जाने के लिए रोज मां डांटती थी। किसी तरह मजदूरी कर उसकी फीस देती थी। अब कौन स्कूल भेजेगा। रात मे किसके घर मे सोऊंगी।

मृतका की 70 वर्षीय वृद्ध सास लज्जावती पथराई आंखों से सभी को निहारते हुए दहाड़ मारकर जमीन पर अपना सिर पटक रही थी।  उसके जीवित रहते ही पहले पति का सहारा टूटा फिर पुत्र का सहारा छिन गया। बची एक मात्र बहू कुसमी को हत्यारे नील गए। किसी ने सहारा नहीं दिया। 

उमड़ी भीड़ में विशेष कर महिलाएं बच्चों व बूढ़ी सास को तरह-तरह की बातें कर ठांठस बंधाने मे जुटी रहीं। हालात देखकर उमडी भीड़ के लोग भी अपनी आंखों से आंसू गिरने से रोक नहीं सके। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी सहायता देने का आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ते दिखे।

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