मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर फाटक न होने पर हो रहे हैं हादसे

Update: 2015-12-14 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

शाहजहाँपुर। मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर हुए हादसे के बाद हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी, यदि फाटक लगा होता, तो शायद गांव सिसौआ के ग्रामीणों की जान बच जातीं। फाटक लगवाए जाने व गेटमैन तैनाती की मांग करते हुए ही ग्रामीणों ने जाम लगाया था। लेकिन ग्रामीणों की फाटक लगाने की मांग पर रेलवे विभाग ने पानी फेर दिया। हालांकि गेटमैन तैनात कर दिया।

शाहजहांपुर के रोजा रेलवे स्टेशन से सीतापुर ब्रांच लाइन पर बरतारा रेलवे स्टेशन से दो किलामीटर आगे पड़रा सिकंदरपुर गांव के पास रेल पटरी के दोनों ओर बसे ग्रामीणों को रेलवे ट्रैक पास करने के लिए रास्ता दिया गया है, लेकिन इन दोनों स्थानों पर फाटक नहीं लगाया गया है। इसके पीछे रेलवे का तर्क हैं कि आस-पास कम आबादी है और इन रूटो पर आवागमन भी इतना नहीं होता जिससे हर पल खतरे की बात बनी रहे। रेलवे की ओर से फाटक उन्हीं स्थानों पर लगवाए गए, जहां पांच हजार वाहनों का आवागमन हो और आस-पास बीस हजार की आबादी हो। लिहाजा गांव बरतारा और गांव पड़रा सिकंदरपुर मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर फाटक लगना मुश्किल है। 

हालांकि रेलवे विभाग ने हादसे से सबक लेते हुए उधर से निकलने वाले लोगों को सचेत करने के लिए एक-एक गेटमैन की तैनाती कर दी है। मामले की जानकारी करने पर पीडब्ल्यूडीआई हरगोविंद ने बताया कि फाटक उन्हीं स्थानों पर लगाए जाते हैं, जिस स्थान से कम से कम पांच हजार वाहनों का हर समय आवागमन होता हो और बीस हजार की आबादी का इलाका हो।

रिपोर्टर - अर्जुन श्रीवास्तव

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