मौसम की जानकारी देने के लिए लेंगे सोशल मीडिया का सहारा

Update: 2016-06-27 05:30 GMT
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नई दिल्ली। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय अपनी एजेंसियों द्वारा की जाने वाली मौसम से जुड़ी भविष्यवाणियों को मुश्किल से 20-25 प्रतिशत लोगों तक ही पहुंच पाता है। इस समस्या को देखते हुए मंत्रालय सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने की योजना बना रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाई जा सके।

मंत्रालय ने अपने तहत आने वाले संस्थानों से कहा है कि वे लोगों तक पहुंच बनाने के लिए टि्वटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल करें।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने कहा, ‘‘पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन की ओर से निर्देश मिलने के बाद हमने सोशल मीडिया को ज्यादा इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। एक तीसरे पक्ष की ओर से किए गए आंकलन के जरिए हमने पाया कि हमारे पूर्वानुमान महज 20-25 प्रतिशत लोगों तक ही पहुंच पाते हैं और हम इस मोर्चे पर सुधार के लिए प्रयास कर रहे हैं।’’ भारतीय मौसम विभाग, सुनामी के अलर्ट जारी करने वाले इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशेन इंफॉर्मेशन सर्विसेज जैसे कई संस्थान और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटीरिअलॉजी जनता से सीधे तौर पर जुड़ाव रखने वाले मुद्दों पर अनुसंधान करते हैं। अपना काम सोशल मीडिया पर डालकर वे अपने अनुसंधानों को जनता तक पहुंचा सकेंगे।

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