मध्यप्रदेश में वर्ष 2045 तक 1 से 1.5 डिग्री तक बढ़ सकता है तापमान: अध्ययन

Update: 2016-06-06 05:30 GMT
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अहमदाबाद (भाषा)। मध्यप्रदेश में तापमान वर्ष 2045 तक 1 से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिससे और अधिक सूखा पड़ेगा तथा कृषि, जल संसाधनों, अवसंरचना तथा उर्जा क्षेत्र पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ेगा।

यह दावा मध्यप्रदेश में जलवायु परिवर्तन 'क्लाइमेट चेंज इन मध्य प्रदेश' शीर्षक वाले एक अध्ययन में किया गया है। आईआईटी गांधीनगर के संकाय सदस्य विमल मिश्रा और आईआईएम अहमदाबाद के अमित गर्ग द्वारा किए गए इस अध्ययन में कहा गया है कि तापमान में वृद्धि के साथ ही सूखा बार-बार और बहुत ज्यादा पड़ेगा।

इस अध्ययन में कहा गया है, ‘‘भविष्य में जलवायु परिवर्तन के तहत तापमान में वृद्धि की वजह से मानसून सीजन के दौरान बार-बार, व्यापक एवं भीषण सूखा पड़ेगा। राज्य में गर्म दिन, गर्म रात और लू के थपेड़ों की बारंबारता बढ़ेगी।'' अमित ने कहा, ‘‘तापमान में वृद्धि पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते के अनुसार, 194 देशों द्वारा तय किए गए लक्ष्यों से बहुत अलग है। समझौते में सदी के अंत तक वैश्विक तापमान को पूर्व औद्योगिक स्तर से दो डिग्री सेल्सियस कम करने के लिए लक्ष्य रखा गया है। लेकिन यहां हम देख रहे हैं कि तापमान तेजी से लक्ष्य से आगे निकल रहा है जो चिंता का कारण है।''

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