महिला आरक्षण विधेयक पर सोनिया का बयान, कहा 'हमें हमारा हक चाहिए'

Update: 2016-03-08 05:30 GMT
Gaon Connection

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘महिला आरक्षण विधेयक’ को जल्द पारित किए जाने की मांग करते हुए कड़े शब्दों में सरकार से कहा, "हमें हमारा जायज हक दो"।

महिला दिवस पर सोनिया ने इशारों-इशारों में केंद्र सरकार पर हमला भी किया। उन्होंने कहा कि मैक्सिमम गवर्नेंस का मतलब दोहरा रवैया नहीं है। मैक्सिमम गवर्नेंस का मतलब मुद्दों पर चर्चा है, न कि बदला लेना। इसका मतलब महिलाओं के लिए दोहरा मापदंड नहीं है। मैक्सिमम गवर्नेंस का मतलब सिविल सोसायटी को आजादी है। अधिकतम सुशासन का मतलब नागरिक समाज को अधिक स्वतंत्रता देना और बिना किसी तरह के बदले की भावना के असहमति के आधार को विस्तार देना है।  

प्रधानी के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पर नाखुश 

कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा शासित कुछ राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को अनिवार्य बनाए जाने को लेकर भी सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा कि यह कदम अनुसूचित जाति और जनजाति समूह की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित करने वाला है और इस प्रावधान को खत्म करने के लिए उन्होंने इस पर तत्काल विधायी रूप से ध्यान दिए जाने की जरूरत बताई। दरअसल हरियाणा सरकार ने प्रधानी के चुनाव में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता का प्रस्ताव किया था। 

राजीव गाँधी की वजह से 40% फीसदी अधिक महिलाएं निर्वाचित हुईं

महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर सबसे पहले चर्चा की शुरुआत करते हुए सोनिया गांधी ने महिलाओं के उत्थान में कांग्रेस पार्टी की भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि कांग्रेस ने देश को पहली महिला प्रधानमंत्री, पहली महिला राष्ट्रपति और पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष दी। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की दूरदृष्टि के चलते ही आज स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव में 40 फीसदी से अधिक महिलाएं निर्वाचित हुई हैं।

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