मंडल कमिश्नर पहुंचे सीतापुर के गाँव, रात भर सुनेंगे सैकड़ों शिकायतें

Update: 2016-01-13 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

सीतापुर। कसमंडा ग्राम पंचायत में पांच दिनों से जि़ले के सभी अधिकारियों ने डेरा डाल रखा है, सड़के बन गयी हैं, मजदूरों को काम मिल गया है, क्योकि ग्राम पंचायत में आज कमिश्रर आए हैं। जनसभा चल रही है और सैकड़ों लोग अपनी दिक्कतें लेकर पहुंचे हैं

गाँव कनेक्शन ने कमिश्नर के आने से पहले गाँव का हाल देखा। सीतापुर जि़ला मुख्यालय से लगभग 75 किमी कसमंडा ब्लॉक के कसमंडा ग्राम पंचायत में पांच दिनों में विकास के बहुत सारे काम हो गए जो पिछले कई वर्षों में नहीं हो पाया था। लखनऊ मंडल के मंडलायुक्त महेश कुमार गुप्ता कसमंडा गाँव में विकास कार्यों का निरीक्षण करने वाले हैं।

पांच दिनों में ही गाँव का रंग बदल दिया गया है। बिजली विभाग, मनरेगा विभागों के दर्जनों अधिकारियों ने गाँव में डेरा डाला है। मंडलायुक्त रात गुजारने गाँव में जा रहे हो लेकिन उनके आराम करने के लिए वीआइपी टेन्ट लगाया गया है। मंडलायुक्त के रुकने के लिए पीडबलूडी ने टेन्ट लगाया गया है, जिसकी लागत एक लाख बीस हजार है, इसके अलावा टेन्ट में वीआईपी सामान रखे गए हैं जिनकी कीमत अलग है।

मनरेगा का तालाब बनाने के 76 मजदूर लगाए गये हैं। गाँव में मनरेगा का काम करा रहे शत्रुघन बताते हैं, आज कसमंडा गाँव में 75 मजदूर लगाये गए हैं जबकि कल दूसरे गाँव में काम चल रहा था।

गाँव के लोग मंडलायुक्त के आने से खुश हैं कि अधिकारी आए हैं तो कुछ तो होगा ही। कसमंडा को मिलाकर इस ग्राम पंचायत में छ: गाँव आते हैं, जिसकी आबादी चार हजार आठ सौ तिरपन है। 

ग्राम पंचायत के सचिव संजीव कुमार बताते हैं, हमें पांच दिन पहले ही पता चला कि यहां पर साहब को दौरा होना है। पांच दिनों में ही गाँव में सारा काम हुआ है, रंगाई पुतायी का काम आज ही हुआ है। हमसे अधिकारी ने जो कहा वही मैंने किया है।

गाँव में मुख्य समस्या आवास, पेंशन की है। एडीओ समाज कल्याण ने मुनादी कराके लोगों को बताया कि लोग अपनी समस्या बता सकते हैं। कुछ लोगों के पैसे नहीं आ रहे हैं क्योकि उनका चौदह अंक का खाता नहीं है इसलिए उनके खाते खुलवाए जा रहे हैं।

तालाब में काम कर रही जसमढ़ा गाँव की रेनू बताती हैं, चलो जो भी आए कम से कम काम तो मिला है। 

कसमंडा गाँव के रहने वाले श्याम सुन्दर (62 वर्ष) बताते हैं, जो सामने नजर आ रहा है वो उसे चमका दिया गया है, अंदर की चीजे वैसे ही है, देखो साहब के आने से क्या होता है।

गाँव के रसूलबक्श (70 वर्ष) ने बताया, पिछले साल मुझे लोहिया आवास मिला था, जिसके बीस हज़ार बाकी थे जो अब तक नहीं मिले हैं, प्रधान से कहा तो उसने कहा कि जाओ बड़े अधिकारी से मिले मुझसे मत कहो।

गाँव के रिंकू ने फोटो कॉपी की मशीन लगा रखी है, अभी शाम तक उनके दुकान पर 60 लोगों ने शिकायतों की फोटो कॉपी करवायी।

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