अफगानिस्तान (भाषा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज यहां संयुक्त रुप से एतिहासिक मैत्री बांध का उद्घाटन किया। रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण हेरात प्रांत में 1,700 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस बांध से युद्धग्रस्त इस देश में पुनर्निर्माण गतिविधियों को आगे बढ़ाने के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता का पता चलता है।
भारत-अफगानिस्तान मैत्री बांध नाम से जाना जाने वाला यह बांध पश्चिमी हेरात में चिश्त-ए-शरीफ नदी पर बना है जो कि ईरान सीमा के नजदीक है। इस बांध से यहां 75,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी और करीब 42 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जायेगा। पहले इसे सलमा बांध के नाम से जाना जाता था।
इस परियोजना को भारत और अफगानिस्तान मैत्री की एतिहासिक ढांचागत परियोजना माना जा रहा है। हेरात शहर से 165 किलोमीटर दूर इस बांध के बनने से प्रांत की कृषि अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा।