बाराबंकी। जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज में जबरदस्त लापरवाही बरती जा रही है। ऐसा तब है जब हाल ही में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के दोषी पाए गए सीएमओ का तबादला किया गया और दो डॉक्टरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया।
राजधानी से सटे बाराबंकी में अधिकतर सीएचसी और पीएचसी पर मरीजों के इलाज में लापरवाही की लगातार शिकायतें जिलाधिकारी अजय यादव को मिल रही थी।
इस पर उन्होंने यहां तैनात रहे मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार पोडवाल का गैर जनपद तबादला करवा दिया और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लापरवाह चिकित्सा अधीक्षक मनोज गुप्ता के खिलाफ इलाज कोतवाली हैदरगढ़ में मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है। क्षेत्राधिकारी हैदरगढ़ श्रीपाल यादव ने बताया, ‘’जिला प्रशासन के निर्देश पर कोतवाली हैदरगढ़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक मनोज गुप्ता के खिलाफ मरीजों के इलाज में लापरवाही करने का मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।’’
इसके बाद भी अस्पतालों में डॉक्टरों की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ है। गाँव कनेक्शन की टीम जब हैदरगढ़ स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो वहां मौजूद आग से बुरी तरह जले 28 साल के घनश्याम साहू ने बताया कि इलाज के नाम पर उनको सिर्फ एक बोतल ग्लुगोस चढ़ा दिया गया था और हाथों में पट्टी बांध दी गई। बाकी सारी दवाएं बाहर से लिख दी गईं। घनश्याम को इलाज कराने लेकर आये उसके भाई राधे श्याम साहू का कहना है कि करीब एक घंटे इन्तजार करते करते समय बीत गया है लेकिन डाक्टर साहब मिले नहीं।’
इसी तहसील में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्रिवेदीगंज पर तैनात एक महिला स्वास्थ्य कर्मी से अश्लील हरकतें करने व उसके व्हाट्सप्प नंबर पर अश्लील तस्वीरें भेजने के आरोप लगने के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर यहां तैनात चिकित्साधीक्षक शशिकांत चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है।
इसके बाद भी डॉक्टरों की कार्यशैली नहीं सुधर रही है। वरिष्ठ चिकित्साधिकारी स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋचा पांडे व प्रभारी चिकित्साधीक्षक का कमरा तो खुला था लेकिन वह मौजूद नहीं थीं। कमरे में पंखा भी चल रहा था।