मवेशी को गोद लेने से पहले कराना होगा वेरीफिकेशन

Update: 2016-03-26 05:30 GMT
गाँवकनेक्शन

लखनऊ। पशु तस्करों से छुड़ाए गए पशुओं को अक्सर स्थानीय लोग गोद ले लेते थे। लेकिन देखभाल के लिए गए पशु भी क्रूरता के शिकार हो रहे थे, कई बार स्थानीय लोग दोबारा इन्हें पशु तस्करों को बेच रहे थे, लेकिन अब ये आसान नहीं होगा। इन पशुओं की सुपुर्दी से पहले वाकायदा वेरीफिकेशन भी कराया जाएगा।

उनका तर्क होता था कि वो पशु की देखभाल करेंगे, जबकि पुलिस और पशुपालन विभाग को इससे पशु की देखभाल से झंझट से छुटकारा मिल जाता। लेकिन अब संबंधित अधिकारी उस पशु और पशुपालक का पूरा ब्यौरा रखेंगे। अगर आप ने गोद लिए पशु को बेच दिया है तो उसका भी ब्यौरा रखना होगा, पशु की मौत होने पर उसका पोस्टमार्टम भी कराना अनिवार्य होगा। उत्तर प्रदेश गौसेवा आयोग के सचिव डॉ. पी.के.त्रिपाठी बताया कि,’’पशुओं को कू्ररता से बचाने के लिए इसको लागू किया है जब किसी पशु से भरी गाड़ी को पकड़ा जाता है तो उन्हें गौशाला के अलावा आस-पास के गाँव में दिया जाता है।

उनको पशु देने से पहले उनका वेरीफिकेशन किया जाएगा ताकि भविष्य में वो उनको बेच न सके। और गो-हत्या को रोका जाए। अपनी बात को जारी रखते हुए त्रिपाठी बताते हैं, “जिन पशुओं को गोद दिया जाएगा अगर उनकी मौत हो जाती है तो उनको पास के पशुचिकित्सक को बताना होगा साथ ही उसका पोस्टमार्टम भी कराना होगा।’’

सुप्रीमकोर्ट ने 13 जुलाई 2015 को पशु क्रूरता से बचाए गए पशुओं के निस्तारण के लिए राज्य सरकार को आदेश दिए थे। उसी के अनुपालन में प्रदेश के पशु पालन विभाग ने यह गाइडलाइन बनाई है। बचाए गए पशुओं को लेने के लिए आवेदक को स्वयं का फोटो पहचान पत्र और किसान बही की सत्यापित प्रति प्रस्तुत करनी होगी।

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