न ठेका हटा, न शराब छूटी, दोगुनी हुई मुसीबत

Update: 2016-08-01 05:30 GMT
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एटा। न ठेका हटा, न शराब छूटी, बल्कि मुसीबत दोगुनी हो गई। नारी शक्ति की आवाज को प्रशासन ने नजरअंदाज किया तो उनकी आवाज दब गई। उसका परिणाम यह रहा कि नारियां अपने पति की नजरों में गुनहगार बन गई। अलीगंज में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद भी हर पत्नी अपने पति को शराब छोडऩे की सीख दे रही है। ताकि परिवार में फिर से खुशियां बिखरें, लेकिन नारी एक बार फिर पुरुष प्रधान समाज के सामने हारती नजर आ रही है। 

पिछले साल अगस्त माह में जिले के गाँव कठौली में देशी शराब का ठेका खुलने को लेकर गाँव की महिलाओं ने विरोध जताया था। उन्होंने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। गाँव वाले भी साथ में आए। महिलाओं ने अपने पतियों को समझाने का प्रयास किया। इस दौरान जब गाँव में पंचायत हुई, लेकिन फिर भी कोई हल न निकला। प्रशासन ने अनदेखी की तो गाँव की महिलाओं की मुसीबत बढ़ गई। अब आलम यह है कि गाँव में ठेका बदस्तूर चल रहा है और परिवार उजड़ रहे हैं। इसके साथ विरोध करने वाली महिलाएं अपने पतियों की नजर में खटकने लगी। अब आलम यह है कि पति घर में शराब पीकर आते हैं और रोज लड़ाई-झगड़ा होता है। पत्नियां समझाती भी हैं, उनका शोषण किया जाता है। किसी के पति मजदूर हैं, तो कोई किसान है, ऐसे में परिवार को चलाने की जिम्मेदारी को भूल कर वे अपने शौक को पूरा करने में जुटे हैं और जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।

गाँव की लक्ष्मी बताती हैं, "मेरे पति हाकिम सिंह मजदूरी करते हैं। पिछले साल जब ठेका खुलने का विरोध किया, तो उनको खूब सुननी पड़ी। अगर ठेका बंद हो जाता, तो शायद पति की लत छूट जाती।" देवकी कहती हैं कि पति मौहर सिंह खेती करते हैं। ठेका खुलने के बाद से उनकी लत और ज्यादा बढ़ गई है। पूरा घर उनको समझाता है, लेकिन वे मानते नहीं हैं। ऐसे में परिवार में क्लेश और अशांति बनी रहती है। एक और महिला सीमा ने बताती हैं, "उनके पति दयाकिशोर पहले शराब नहीं पीते थे। जब से ठेका खुला है, तब से वे ज्यादा पीने लगे हैं। इससे परिवार की हालत बिगड़ रही है।" महिलाओं का कहना है कि शराब की लत से परिवार की खुशियां तो उजड़ रही हैं, लेकिन तब अगर प्रशासन सुन लेता तो शायद सब कुछ ठीक होता। 

कुसुम की पहल लाई रंग

गाँव की एक और महिला कुसुम ने पति देशराज की लत को सुधारने के लिए जो कदम उठाया, वह सच में नाकाबिले तारीफ है। कुसुम ने पति पर रोक लगाते हुए कहा कि अगर अब शराब पी, तो घर से बाहर रहना पड़ेगा। इसके बाद पति ने शराब को हाथ नहीं लगाया। 

मंदिर और पाठशाला के पास मधुशाला

कोतवाली देहात के गाँव कठौली मोड़ पर देशी शराब का ठेका है। ठेका से कुछ दूरी पर मंदिर तथा प्राइमरी स्कूल है। साथ ही एक बैंक की ब्रांच भी है। बताते हैं कि आए दिन ठेका पर शराब के नशे में लोग हंगामा करते हैं जिससे आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है और मामले की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की गई थी, उसके बाद भी ठेका नहीं हटाया गया।

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