नाम ट्रामा सेंटर, काम इमरजेंसी का

Update: 2016-05-22 05:30 GMT
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इटावा। मुख्यमंत्री के ग्रह जनपद में स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर संयुक्त चिकित्सालय में चिकित्सकों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। जिला अस्पताल परिसर में निर्मित ट्रामा सेंटर के नाम पर इमरजेंसी बार्ड के रूप में उपयोग किया जा रहा है। 

केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग की योजना के तहत डॉ. भीमराव अम्बेडकर संयुक्त चिकित्सालय में पांच साल पूर्व 65 लाख रुपये लागत से ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया गया था।

ट्रामा सेंटर का निर्माण होने के उपरांत उपकरणों तथा चिकित्सकों के अभाव में इसे चालू नहीं किया जा सका। जिला अस्पताल में पूर्व में रह चुके कई सीएमएस ट्रामा सेंटर को चालू कराने के लिये प्रयासरत है। सैफई में एक और ट्रामा सेंटर का निर्माण कराने के साथ ही उसका संचालन भी शुरू हो चुका है, लेकिन मुख्यालय के ट्रामा सेंटर को अभी भी उपकरणों तथा स्टाफ का अभाव झेलना पड़ रहा है।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर सयुक्त चिकित्सालय स्थित ट्रामा सेंटर में इमरजेंसी बोर्ड को समायोजित कर लोगों को भ्रमित करने का कार्य किया जा रहा है। इमरजेंसी के डाक्टरों सहित स्टाफ की यहां ड्यूटी लगा दी गई है। इसके अलावा और भी चिकित्सकों को यहां आना था जिसमें बड़ी तादाद में उन्होंने ज्वाइन नहीं किया है। 

इमरजेंसी के चिकित्सक डॉ. विकास यादव के अलावा डॉ. रवि शर्मा, डॉ. अभिषेक स्वर्णकार व डॉ. विनोद शर्मा कार्यभार संभाले हुए है। जबकि डॉ. अनिल कुमार, डॉ. उमेश, डॉ. पीयूष कुमार, डॉ. वीके साहू तथा डॉ. अनिल वर्मा को चार्ज लेना है जिन्होंने अभी तक चार्ज नहीं लिया है। हकीकत तो यह है कि ट्रामा सेंटर के नाम पर इमरजेंसी वार्ड का काम हो रहा है।

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