नासा ने मंगल के वातावरण के मौसमी स्वरुपों का पता लगाया

Update: 2016-05-14 05:30 GMT
gaonconnection, नासा ने मंगल के वातावरण के मौसमी स्वरुपों का पता लगाया

वॉशिंगटन (भाषा)। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने पाया है कि जाड़े में मंगल ग्रह का वातावरण साफ रहता है जबकि बसंत और गर्मी में धूल से भरा हुआ रहता है और पतझड़ में तेज हवाओं वाला वातावरण रहता है। जिन वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है उनमें भारतीय मूल का एक वैज्ञानिक भी है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि नासा के ‘क्यूरियोसिटी मार्स रोवर' ने मंगल के मौसम के दो पूर्ण चक्रों के जरिए वहां के पर्यावरणीय स्वरुपों को दर्ज किया। करीब चार साल पहले गेल क्रेटर के भीतर दाखिल होने के बाद से ‘क्यूरियोसिटी मार्स रोवर' ने अपना दूसरा मंगल वर्ष पूरा कर लिया है।

उन्होंने बताया कि क्यूरियोसिटी की ओर से मापे गए और रोवर के दूसरे मंगल वर्ष में दोहराए गए अन्य मौसमी स्वरुपों से पता चलता है कि स्थानीय वातावरण जाड़े में साफ, बसंत और गर्मी में धूल से भरा हुआ और पतझड़ में तेज हवाओं वाला रहता है।

दोहराव से मौसमी प्रभावों को छिटपुट घटनाओं से अलग करने में मदद मिलती है। उदाहरण के तौर पर - गेल क्रेटर में दक्षिणी गोलार्द्ध के पहले पतझड़ के दौरान स्थानीय वातावरण में मिथेन में बढ़ोत्तरी दूसरे पतझड़ के दौरान नहीं दोहराया गया।

कैलिफोर्निया स्थित नासा के जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी के क्यूरियोसिटी प्रोजेक्ट के वैज्ञानिक अश्विन वासवदा ने बताया, ‘‘क्यूरियोसिटी के मौसम केंद्र ने हर रोज करीब हर घंटे स्वरुपों को मापने का काम किया है।''

Similar News