नौवहन आतंकवाद एक बड़ा खतरा: राजनाथ

Update: 2016-06-16 05:30 GMT
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मुम्बई (भाषा)। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि नौवहन आतंकवाद एक बड़ा खतरा है जिसका व्यापक आर्थिक प्रभाव हैं और सरकार सभी बड़े और छोटे बंदरगाहों का सुरक्षा आडिट करा रही है जिससे तटीय सुरक्षा की दृष्टि से असुरक्षित बिन्दुओं की पहचान की जा सके।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे तटों की कमजोरी 1993 में सामने आई थी जब विस्फोटक तस्करी करके रायगढ़ ले जाये गए थे और उसके बाद 2008 में जब मुम्बई पर आतंकी हमला हुआ था।'' उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि वे तटीय सुरक्षा की समीक्षा संबंधी एक बैठक में यहां आए हैं।

उन्होंने आगे ट्वीट किया, ‘‘ हमें अपनी तटीय सुरक्षा को चुस्त-दुरुस्त और अभेद्य बनाने की जरुरत है।'' राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा, ‘‘नौवहन आतंकवाद एक बड़ा खतरा है, जिसका व्यापक आर्थिक प्रभाव हैं।'' उन्होंने कहा कि मुम्बई पर 2008 में 26/11 आतंकी हमले के बाद तटीय सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में कई पहल की गई है। गृह मंत्री ने आगे ट्वीट किया, ‘‘ हम रडार एवं स्वचालित पहचान प्रणाली (एआईएस) रिसीवर की श्रृंखला लगा रहे हैं ताकि भारतीय तटीयरेखा को सुरक्षित बनाया जा सके।''

तटीय सुरक्षा योजना (सीएसएस) का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा, ‘‘सीएसएस-1 और 2 की सफलता के बाद हम सीएसएस-3 के लिए संकल्पना पत्र तैयार कर रहे हैं। हम सीएसएस-3 के लिए आपके विचार चाहते हैं।'' राजनाथ ने यह भी कहा, ‘‘हमारे तटीय सुरक्षा के कमजोर बिन्दुओं की पहचान के लिए हम सभी बड़े और छोटे बंदरगाहों की सुरक्षा आडिट करा रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि भारतीय तटरक्षक सामुदायिक संवाद कार्यक्रम के जरिये मछुआरा समुदाय को जोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं।

नौ तटीय राज्यों (पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात) और चार केंद्र शासित प्रदेशों (दमन एवं दीव, दादरा नगर हवेली, लक्षद्वीप और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह), अंतर राज्य परिषद सचिवालय (आईएससीएस), भारत के महापंजीयक, रक्षा मंत्रालय, पोत परिवहन मंत्रालय, पशुपालन, डेयरी एवं मतस्य विभाग और भारतीय तटरक्षक इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।

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