नगर निगम ने सड़क बनवाने से खड़े किए हाथ

Update: 2016-07-19 05:30 GMT
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लखनऊ। आदेश भले ही प्रधानमंत्री कार्यालय से आया हो, अगर मानने का मन न हो तो फिर बहाने हजार हैं। ऐसे ही एक आदेश को अनसुना कर रहा है लखनऊ नगर निगम। 

लखनऊ के तकरोही क्षेत्र के आस-पास के बड़े हिस्से में सड़क, बिजली और पानी की किल्लत से जूझते क्षेत्रवासियों की शिकायत मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, मेयर और नगर आयुक्त से कई बार करने के बाद, यह परेशानी पत्र के माध्यम से क्षेत्रवासी कन्हैयालाल कश्यप द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचाई गई।

प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों ने भले ही इस परेशानी को गम्भीरता से न लिया हो, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसको गम्भीरता से लेते हुए, प्रदेश के प्रमुख सचिव को इस समस्या का समाधान कराने के लिए निर्देशित किया था। प्रधानमंत्री कार्यालय के इस आदेश को लगगभ सवा साल बीत जाने के बाद भी गम्भीरता से नहीं लिया गया है और क्षेत्रवासी उसी स्थिति में रहने को मजबूर हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस सम्बन्ध में पत्र लिखने वाले तकरोही क्षेत्रवासी कन्हैया कश्यप ने बताया, “मेरे क्षेत्र जयनगर दुर्गा मंदिर, शहीद भगत सिंह वार्ड तकरोही के पास से लेकर लखनऊ मॉडल पब्लिक स्कूल तक लगभग एक किमी. की कच्ची सड़क है, जहां खड़ंजा नाली नहीं है। प्रगति नगर फेज-दो तकरोही में सीवर पड़ने के बाद कालोनी में सड़क, पानी, विद्युत की कोई व्यवस्था नहीं है। 

हनुमंतनगर तकरोही में सड़क नाली व बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है और तकरोही बाजार सब्जी मंडी के अन्दर नाली व नालों की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण वहां के क्षेत्रवासियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।” पास में मॉडल पब्लिक स्कूल और प्राथमिक विद्यालय तकरोही तृतीय भी है, जहां छोटे-छोटे बच्चे पढ़ते हैं। कच्ची सड़क वह भी ऊबड़-खाबड़ होने के चलते एक तो पहले से बच्चे और लोग हर रोज वहां गिरते हैं।

कश्यप ने बताया, “क्षेत्रवासी इन सब परेशानियों को काफी समय से सह रहे हैं और आए दिन किसी न किसी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। इस सम्बन्ध में मैंने अपने क्षेत्र के सभासद रामू पहलवान से कई बार बात की, लेकिन उनका कहना है कि मुझे इस क्षेत्र से वोट नहीं मिले तो मैं इस क्षेत्र का विकास नहीं करवाऊंगा। क्षेत्रीय विधायक गोमती यादव तो कभी क्षेत्र में आते ही नहीं हैं। तो इस बारे में मैंने अपनी शिकायत 24.11.14 को मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, जिलाधिकारी, मेयर और नगर आयुक्त से रजिस्ट्री के माध्यम से की थी, लेकिन इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

इसके बाद मैंने इस सम्बन्ध में एक पत्र फिर से 12.01.15 को मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के नाम रजिस्ट्री के माध्यम से भेजा था। इसके बावजूद कोई संज्ञान नहीं लिए जाने पर मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र 06.02.15 को लिखा था। हमको उम्मीद तो नहीं थी, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस सम्बन्ध में एक पत्र 16.03.15 को प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश के नाम लिखा था और इस शिकायत के सम्बन्ध में संज्ञान लेने की बात कही थी।”

उन्होंने बताया कि इसके कुछ समय बाद नगर निगम से मेरे पास फोन आया था और पूछा था कि सड़क और नालियां कहां बननी हैं और बिजली के खंभे कहां लगाये जाने हैं? इन सभी जगहों का सर्वे भी मैंने नगर निगम के अधिकारी अरुण कुमार गौतम को करवा दिया था। लेकिन इसके बाद नगर निगम के अधिकारियों का कहना था कि नहर पर एक किमी. की सड़क है, लेकिन सिंचाई विभाग एनओसी नहीं दे रहा है। तो कभी कहा जा रहा है कि इसके निर्माण का प्रोजेक्ट फाइल शासन को भेज दिया गया है, लेकिन पैसा रिलीज नहीं हो रहा है इसलिए हम सड़क बनवाने में असमर्थ हैं।

इस बारे में भी 01.06.16 को एक रजिस्टर्ड पत्र मैंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजा था लेकिन इसके बावजूद भी अब तक क्षेत्रवासी उसी स्थिति में रहने को मजबूर हैं। हाल यह है कि प्रधानमंत्री कार्यालय से आये आदेश को भी नगर निगम ठेंगा दिखा रहा है।  

रिपोर्टर - मीनल टिंगल

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