निजी जासूसों की मदद ले रहे बैंक

Update: 2016-06-20 05:30 GMT
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नई दिल्ली (भाषा)। गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के बढ़े बोझ और ऋण धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के चलते बैंक निजी जासूसों की सेवा ले रहे हैं ताकि करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले डिफाल्टरों के खिलाफ वह ‘गुप्त’ अभियान चलाकर उनके बारे में जानकारियां जुटा सकें।

हाल ही में बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या द्वारा धोखाधड़ी करने के मामले के काफी चर्चा में आने के बाद बैंकों ने डिफाल्टरों के बारे में जानकारियां एकत्रित करने के लिए निजी जासूसों से संपर्क किया है और इस संबंध में विज्ञापन भी दिए हैं।

एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डिटेक्टिव्स ऑफ इंडिया (एपीडीआई) के चेयरमैन कुंवर विक्रम सिंह ने कहा, “हम ऐसे मामलों में पिछले कुछ वर्षों से बैंकों का सहयोग कर रहे हैं, लेकिन इस समय उन पर भी काफी दबाव है कि वे न सिर्फ छोटे डिफाल्टरों को पकड़ें बल्कि बड़ी मछलियों को भी पकड़ें। निजी जासूसी करने वाली एजेंसियां देशभर में ऐसे हजारों मामले देख रही हैं।” उन्होंने आगे कहा, “फरार या धोखाधड़ी करने वालों के बारे बैंकों को ज्यादा जानकारी सुनिश्चित कराने के लिए हमारे एजेंट गुप्त अभियान चला रहे हैं क्योंकि ऐसे मामलों में हम सीधे जाकर दरवाजा खटखटाकर जानकारियां नहीं जुटा सकते।”

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