नकली दवाओं से चौपट हो रही खरबूजे की फसल

Update: 2016-05-17 05:30 GMT
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गुटैया (शाहजहांपुर)। किसान बेमौसम बरसात, अतिवृष्टि, सूखा आदि की मार झेल रहा है और किसी तरह आर्थिक तंगी से उभरने का प्रयास कर रहा है, लेकिन बाजार में धड़ल्ले से बेची जा रही नकली खादों व प्रभावहीन कीटनाशक दवाओं से किसानों के आर्थिक हालात और बद्तर होते जा रहे हैं।

जनपद में बड़े पैमाने पर किसान आलू, खरबूजे व तरबूज की खेती करते हैं पर इस बार जनपद के तमाम किसानों की आलू व खरबूजे की फसलें नकली व प्रभावहीन कीटनाशक दवाओं की वजह से बर्बाद हो गईं। इसके पहले कई किसानों ने आलू की फसल को झुलसा रोग से बचाने के लिए (इसमें पत्ते पीले पड़ जाते हैं) दवा लगाई तो आलू की पूरी फसल ही सूख गई थी। 

इसी तरह खरबूजे की फसल में झुलसा रोग व खरबूजा फटने की रोकथाम के लिए बोरान व कैल्म नामक दवाएं लगाईं, लेकिन इन दवाओं का फसलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। तहसील पुवायां के गाँव गुटैया के किसान प्रेमपाल (50 वर्ष) ने बताया, “मैंने चार एकड़ जमीन ठेके पर लेकर उसमें खरबूजे की खेती की थी। इसमें झुलसा रोग लग गया और कुछ खरबूजे की बतिया बीच से चटककर गिरने लगीं।

इसके रोकथाम के लिए चार एकड़ जमीन में तीन बार दवा लगा चुके हैं, जिसमें लगभग 60,000 रुपए का खर्चा आया, लेकिन दवा ने कोई काम नहीं किया, जिसकी वजह से फसल की पैदावार आधे से भी कम हो गई है। मुझे इस बार लगभग  एक लाख रुपए का घाटा हो जाएगा क्योंकि आधे से अधिक फसल तो खराब हो चुकी है और जो बची है वह देखने में अच्छी नहीं है इसलिए उसके दाम भी कम मिल रहे हैं।

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