नशे की समस्या को लेकर कराया जाएगा राष्ट्रीय सर्वेक्षण: सरकार

Update: 2016-08-04 05:30 GMT
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नई दिल्ली (भाषा)। सरकार ने कहा कि देश में नशे की समस्या को लेकर राष्ट्रीय सर्वेक्षण कराया जाएगा और यह जिम्मेदारी नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के राष्ट्रीय मादक निर्भरता उपचार केंद्र को सौंपी गई है।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरवचंद गहलोत ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि नशे की समस्या को लेकर राष्ट्रीय सर्वेक्षण का दायित्व एम्स, नई दिल्ली के राष्ट्रीय मादक निर्भरता उपचार केंद्र को सौंपा गया है।

आर वैद्यलिंगम के सवाल के जवाब में गहलोत कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ और अपराध कार्यालय (UNODC) ने पिछली बार वर्ष 2000-2001 में मादक पदार्थों की समस्या को लेकर राष्ट्रीय सर्वेक्षण कराया था और 2004 में इसकी रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। इसके बाद इस समस्या को लेकर कोई अन्य सर्वेक्षण नहीं कराया गया।

मंत्री ने बताया कि वर्ष 2007 में मंत्रालय ने राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) से नशीली दवाओं के दुरुपयोग की सीमा, पैटर्न और प्रवृत्ति पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया था। NSSO ने मार्च-अप्रैल 2010 में तीन शहरों मुंबई, अमृतसर और इंफाल में एक प्रायोगिक सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में यूएनओडीसी शामिल नहीं है।

उन्होंने कहा कि अब जो सर्वेक्षण किया जाना है, उसमें तंबाकू भी शामिल है। शिअद के नरेश गुजराल के पूरक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि 2001 के बाद अब मादक पदार्थ संबंधी समस्या पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण कराया जा रहा है. एम्स की संस्था 2018 तक इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब में सात नशा मुक्ति केंद्र पहले से थे और 28 नशा मुक्ति केंद्र अब खोले गए हैं।

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