मोहर्रम, कर्बला में शहीद हुए इमाम हुसैन और उनके 72 रिश्तेदारों की याद में मनाया जाता है। पूरी दुनिया के मुसलमान इसे ग़म के महीने के तौर पर मनाते हैं। इराक़ के क़र्बला में हुआ ये धर्म युद्ध, हज़रत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और वहां के ख़लीफ़ा इब्न के यज़ीद के बीच हुआ था। मोहर्रम इस्लामी का पहला महीना है और ये घटना मोहर्रम की दस तारीख़ यानि 'अशरा' को हुई थी। हिंदुस्तान समेत पूरी दुनिया में मोहर्रम की दस तारीख को उन शहीद हुए लोगों की याद में मातम किया जाता है और ग़मी मनाई जाती है।
गाँव कनेक्शन के फ़ोटो जर्नलिस्ट अभिषेक वर्मा के कैमरे से देखिए लखनऊ का मुहर्रम
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