बात जब झारखंड की होती है तो कुछ लोगों के जेहन में एक पिछड़े, तीर-कमान लिए हुए आदिवासी, भूखमरी और गरीबी की तस्वीर नजर आती है। लेकिन इससे कहीं इतर है झारखंड। यहां के गांव बेहद खूबसूरत हैं। ग्रामीण लोग सीधे-सच्चे और ईमानदार हैं। एक बार झारखंड जाकर देखिये आपका नजरिया बदल जाएगा। तस्वीरें झारखंड के वेस्ट सिंहभूम जिले के अलग-अलग गाँव की हैं।
मिट्टी से बनी दीवार खूबसूरत रंगों से भरी जाती हैं।
खेत में दवा छिड़काव के लिये टीन के पीपे का बनाया जुगाड़
साईकिल पर रेस लगाती लड़कियां
गांव की दुकानों पर थोक व्यापारी अपना सामान बाईक पर इस तरह ले जाकर बेचते हैं।
स्कूल से घर वापस आते बच्चें।
प्राथमिक विधायल में पढ़ाई करती छात्रा
छोटी बहन की चोटी बांधने में मदद करती बड़ी बहन।
पढा़ई को लेकर जागरूकता बहुत है।
पानी की व्यवस्था अच्छी नहीं इसलिये कुएं या फिर घर से दूर लगे नलों से पानी लाना पड़ता है। इस तरह के घड़े लगभग हर घर में होते हैं।
यहां के घरों में इस तरह के घड़े उलटे करके छतो के कोनो में लटका दिये जाते हैं जिसमें कबूतर रहते हैं।
हर गांव में एक या दो कुँए जरूर होते हैं जिससे पूरे गांव के पीने की पानी की जरूरत पूरी होती है।
मिट्टी के घड़े या फिर इस तरह के पीतल के घड़ों में पीने का पानी रखा जाता है और कुंए से भर कर लाया जाता है।
लकड़ी से बने ये हल खेत जोतने का पारम्परिक साधन है
धान की फसल