पिन की जगह दिल की धड़कन होगा अब एटीएम का पासवर्ड

Update: 2016-06-17 05:30 GMT
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नई दिल्ली (भाषा)। आने वाले दिनों में आपके दिल की धड़कन एटीएम के पिन नंबर का काम करेगी। हालांकि, इस तकनीक को भारत आने में अभी समय लगेगा। लेकिन भारतीय बैंकों ने साइबर सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। रिजर्व बैंक ने दो जून को एक कमेटी को सुरक्षा नीति बनाने आदेश दिया है।

नई तकनीकों को लाने में प्राइवेट बैंक भी पीछे नहीं हैं। एचडीएफसी और आईसीआईसीआई जैसे प्राइवेट बैंक भी पासवर्ड या पिन नंबर की जगह इसी तरह की तकनीक को लागू करने पर विचार कर रहे हैं। डीसीबी बैंक ने भी एटीएम में फिंगरप्रिंट स्कैनिंग की शुरुआत कर दी है।

दुनिया के कई बैंकों ने तेजी से पिन या पासवर्ड के स्थान पर नई तकनीकों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इसमें सिग्नेचर वेरिफिकेशन और बायोमेट्रिक तकनीक प्रमुख हैं।

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