वॉशिंगटन (भाषा)। परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि किस तरह से टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के ज़रिए परमाणु तस्करी और परमाणु आतंकवाद पर लगाम लगाई जा सकती है। इस सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के नेताओं ने शिरकत की।
दुनिया के नेताओं को भारत द्वारा किए गए उपायों के बारे में बताते हुए मोदी ने कहा कि भारत मजबूत संस्थागत ढांचा, स्वतंत्र नियामक एजेंसी और प्रशिक्षित एवं विशेषीकृत कर्मियों के जरिए परमाणु सुरक्षा को शीर्ष राष्ट्रीय प्राथमिकता देता रहेगा। इस योजना में विकास एवं परमाणु आतंकवाद को रोकने एवं उससे रक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल शामिल है।
उन्होंने कहा कि इनमें ढांचागत एवं साइबर अवरोधकों, प्रौद्योगिकीय दृष्टिकोण, निम्न संवर्धित यूरेनियम और सीजियम-137 जैसे अतिसंवेदनशील रेडियोआईसोटॉप्स के विट्रिफायड रूप के इस्तेमाल के लिए मेडिकल ग्रेड ‘मोली-99' के लिए सुविधाओं की स्थापना शामिल है।