प्रयासों के बावजूद कृषि अर्थव्यवस्था से इच्छित परिणाम नहीं मिले: गडकरी

Update: 2016-05-30 05:30 GMT
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गुजरात (भाषा)। ग्रामीण समस्याओं से कटे होने के लिए राजनेताओं व नौकरशाही की आलोचना करते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि कृषि तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल देने के प्रयासों तथा धन के प्रावधान के बावजूद इच्छित परिणाम अब भी नहीं मिल रहे हैं। वे यहां ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आणंद (इरमा) के 35वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

गडकरी ने कहा, ''मैं कई सालों से दिल्ली में रह रहा हूं लेकिन गाँवों की आवाज दिल्ली तक नहीं पहुंचती है।'' उन्होंने कहा, ''नेता व अफसर ग्रामीण भारत की समस्याओं से पूरी तरह कटे हुए हैं। यही कारण है कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए जिस स्तर पर प्रयास होने चाहिए वे नहीं हो रहे।'' उन्होंने कहा, ''ग्रामीण इलाकों को सड़कों से जोड़ने को कोई प्राथमिकता नहीं दी गई। हमने 70,000 करोड़ रुपए के हेलीकाप्टर खरीदे लेकिन गाँवों में पीने और सिंचाई के लिए पानी नहीं है।'' जाहिरा तौर पर उनका संकेत पिछली यूपीए सरकार की ओर था।

मंत्री ने कहा, ''जीडीपी में खेती बाड़ी का हिस्सा मुश्किल से 8 से 14 प्रतिशत है।'' उन्होंने कहा, ''हमारे वित्त मंत्री ने इस साल के बजट में कृषि फसल वित्त के लिए नौ लाख करोड़ रुपए जबकि ब्याज सब्सिडी के लिए 20,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। कई राज्य तो ब्याज मुक्त कृषि रिण की पेशकश भी कर रहे हैं। इसके बावजूद हमें  वे परिणाम नहीं मिल रहे हैं जो हमें मिलने चाहिए थे।'' उन्होंने कहा कि स्कूल, कालेज व पर्याप्त सड़कों के अभाव से 25-30 प्रतिशत ग्रामीण तो न चाहते हुए भी शहरों को पलायन कर जाते हैं।

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