नई दिल्ली। विश्वबैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और भारत के पर्यावरण अनुकूल सतत विकास में सक्रिय और पूर्ण समर्थन देने का वादा किया।
प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन से जुड़ी पहलों के लिए पर्याप्त वित्तपोषण समर्थन पर ज़ोर दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि किम ने यहां मोदी के साथ मुलाकात के दौरान भारत की कारोबार सुगमता बढ़ाने की दिशा में तेज प्रगति की प्रशंसा की। मोदी ने ट्वीट में कहा, “विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम से मुलाकात की और भारत के विश्वबैंक के साथ संबंध बढ़ाने के तौर तरीकों पर चर्चा की।” बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री और विश्वबैंक प्रमुख ने विभिन्न किस्म के मुद्दों और सहयोग के संभावित संभावनाओं पर चर्चा की।
मोदी ने भारत जैसे देशों के लिए जलवायु परिवर्तन संबंधी पर्याप्त वित्तपोषण के महत्व पर जोर दिया जो सजगता के साथ पर्यावरण के लिहाज से एक सतत मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। विश्वबैंक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की गुरुवार सराहना की और कहा कि भारत में कारोबार में सुगमता बढ़ाने पर दिये जा रहे बल से यह देश एक ‘आकर्षक स्थल’ के रूप में उभरा है। किम ने यहां संवाददाताओं से कहा, “छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में जो प्रगति हुई है, हम उससे काफी खुश हैं। मुझे यह प्रगति देखकर सुखद आश्चर्य हुआ है।”
विश्व बैंक सौर परियोजनाओं के लिए देगा ऋण!
नई दिल्ली। विश्वबैंक ने भारत में सौर उर्जा क्षमता के विस्तार के लिए एक अरब डालर (करीब 6,750 करोड़ रुपए ) कर्ज उपलब्ध कराने की आज प्रतिबद्धता जताई। भारत ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर निर्भरता कम करने के लिये परपंरागत ऊर्जा साधनों पर निर्भरता कम कर रहा है। बिजली मंत्री पीयूष गोयल तथा विश्वबैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग किम ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके मुताबिक वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराने वाली बहुपक्षीय एजेंसी भारत की महत्वकांक्षी सौर ऊर्जा पहल में उर्जा उत्पादन में निवेश के लिये एक अरब डालर से अधिक राशि उपलब्ध कराएगी। गोयल ने समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा, “हमने अक्षय उर्जा खासकर ‘रुफटॉप’ सौर परियोजनाओं पर चर्चा की। हमने वित्त पोषण मॉडल के नये तरीकों पर चर्चा की जिसके जरिये हम अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को गति दे सकते हैं।”