प्याज भंडारण के लिए इज़ाद की देसी तकनीक

Update: 2016-05-04 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लखनऊ। इस बार प्याज की पैदावार अच्छी हुई है, लेकिन सही दाम ने मिलने से किसानों को कम दाम में ही प्याज बेचनी पड़ रही है, प्याज का भंडारण नहीं कर सकते क्योंकि प्याज जल्दी ही खराब हो जाता है।ऐसे में एक किसान ने प्याज भंडारण की देसी तकनीक बनायी है, जिससे प्याज कई महीनों तक नहीं खराब होगा।

मध्य प्रदेश के धार जिले के दही तहसील के रंगगाँव के किसान रवि पटेल (40) ने प्याज भंडारण के लिए देसी तकनीक इजाद की है, जिससे प्याज कई महीनों तक नहीं खराब नहीं होगा। इस तकनीक को अपनाकर रवि पिछले दो साल प्याज की खुदाई के बाद उसका भंडारण कर देते हैं। देसी तकनीक के बारे में रवि बताते हैं, “प्याज की खुदाई के बाद उसका दाम इतना कम मिलता है, जिससे लागत भी नहीं निकल पाती है।”

प्याज को स्टोर कर देने से जब प्याज का भाव बढ़ जाता है, तब स्टोर से निकाल कर बेचता हूं। इससे मुनाफा ज्यादा होता है। वो आगे बताते हैं, “इस तकनीक से 80 प्रतिशत तक प्याज नहीं सड़ती है, पहले जहां 10 प्याज खराब होते थे, अब दो ही प्याज सड़ता है। इस तकनीक से 3000 कुंतल प्याज का भंडारण किया है। पिछले साल उन्होंने बारिश बाद 200 कुंतल प्याज 35 रुपये किलो के भाव बेचा था। पहले कोई एक प्याज सड़ता है तो साथ के दूसरे प्याज भी सड़ने लगते हैं, अब पंखे की हवा से प्याज अच्छी तरह से सूख जाते हैं।  

रवि बंद कमरे में लोहे की जाली को जमीन से आठ इंच ऊंचा बिछाते हैं। ऐसा करने के लिए कुछ-कुछ दूरी पर दो-दो ईंटें रखते हैं। उसके ऊपर प्याज का भंडारण करते हैं। लगभग 100 वर्ग फीट की दूरी पर एक बिना पेंदे की ड्रम रख देते हैं। ड्रम के ऊपरी हिस्से में एक एग्जॉस्ट पंखे लगा देते हैं। पंखे की हवा जाली के नीचे से प्याजों के निचले हिस्से से उठ कर ऊपर तक आती है। इससे पूरे प्याजों में ठंडक रहती है। दोपहर में हवा गर्म होती है, इसलिए दिन की बजाय रातभर पंखे चलाते हैं।  

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