नई दिल्ली।जुवेनाइल जस्टिस बिलको राज्यसभा में पास कर दिया गया है।इस बिल में जघन्य अपराधों के लिए नाबालिग की उम्र सीमा 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष कर दी गई है।
मंगलवार 22 दिसम्बर को राज्यसभा में काफ़ी खीचतान के बाद जुवेनाइल जस्टिस बिलको पास कर दिया गया।जुवेनाइल जस्टिस बिल के जरिये जघन्य अपराध में नाबालिग को पुन: परिभाषित किया गया है और ऐसे अपराधियों की सजा के लिए उम्र घटा दी गईहै। इस कानून के बाद से जघन्य अपराधों के मामलों में 16 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के अपराधी को भी वयस्क मानकर मुकदमा चलाया जाएगा।
राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने जूवेनाइल एक्ट पर कहा कि गंभीर अपराध की श्रेणी में वे अपराध आते हैं जिनकी सजा 7 साल या उससे ज्यादा होती है। उन्होंने बताया कि जूवेनाइल पुलिस का प्रावधान है और हर थाने में एक अधिकारी चाइल्ड पुलिस अधिकारी का दर्जा प्राप्त होता है। इस दौरान निर्भया के माता-पिता भी राज्यसभा में मौजूद रहे।