अमित शाह ने मोदी कैबिनेट में पहली बार ली शपथ, पढ़िए राजनीति में अब तक का सफर

बीजेपी को सत्ता और नरेंद्र मोदी को फिर से सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाने वाले अमित शाह Amit Shaah ने मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। क्रिकेट देखने और संगीत में गहरी रूचि रखने वाले अमित शाह ने देश में बीजेपी को बहुमत के पार 303 अंको तक पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Update: 2019-05-30 15:12 GMT

नई दिल्ली। बीजेपी को सत्ता और नरेंद्र मोदी को फिर से सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाने वालों मेे से एक अमित शाह ने मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। क्रिकेट देखने और संगीत में गहरी रूचि रखने वाले अमित शाह ने देश में बीजेपी को बहुमत के पार 303 अंको तक पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बंगाल, ओडिशा और दक्षिण भारत के राज्यों में बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन का भी श्रेय अमित शाह की नीतियों को दिया जा रहा है।

पहली बार लालकृष्ण आडवाणी संभाला था चुनावी प्रबंधन

जुलाई 2014 में भाजपा अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद अमित शाह ने पूरे भारत का दौरा किया और कार्यकर्ताओं को जीजान से जूटने का संदेश दिया। अमित शाह ने पहली बार 1991 के लोकसभा चुनाव में गांधीनगर से चुनाव लड़ रहे है भाजपा के वरष्ठि नेता लालकृष्ण आडवाणी का चुनाव प्रबंधन संभाला था लेकिन उन्होंने अपने बूथ प्रबंधन का करिश्मा 1995 में दिखाया।

सरखेज की जीत ने राजनीति में किया था स्थापित

शतरंज खेलने से लेकर क्रिकेट देखने और संगीत में गहरी रुचि रखने वाले 54 साल के शाह पारिवारिक और सामाजिक मेल-मिलाप में बहुत कम वक्त जाया करते हैं। संगठन और प्रबंधन के माहिर खिलाड़ी शाह ने पहली बार सरखेज से 1997 के विधानसभा उपचुनाव में किस्मत आजमाई थी और 2012 तक लगातार पांच बार वहां से विधायक चुने गये थे। सरखेज की जीत ने उन्हें गुजरात में युवा और तेजतर्रार नेता के रूप में स्थापित करने का काम किया और इसके बाद अमित शाह ने कभी पीछे पलट कर नहीं देखा।

गुजरात सरकार में 7 सालों तक रहे हैं गृहमंत्री 

नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद शाह और अधिक मजबूती से उभर कर सामने आए। 2003 से 2010 तक गुजरात सरकार की कैबिनेट में उन्होंने गृह मंत्रालय का जिम्मा संभाला। जब नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजनीतिक पटल पर आए, तो उनके सबसे करीबी माने जाने वाले अमित शाह भी देश में भाजपा के प्रचार प्रसार में जुट गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने देश में करीब 500 चुनाव समितियों का गठन किया और 7000 नेताओं को चुनावी कैम्पेन में तैनात किया ।

गुजरात के गांधीनगर से लड़ा था चुनाव

उन्होंने पार्टी के चुनाव अभियान में ऐसी 120 सीटों पर खास ध्यान दिया जहां भाजपा पहले कभी चुनाव नहीं जीत सकी थी । उन्होंने पार्टी का अभियान चलाने के लिये 3000 पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को तैनात किया था। इसका नतीजे के रूप में बीजेपी 303 सीटों से जीत मिली। अमित शाह खुद इस बार वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की जगह गांधीनगर संसदीय सीट से चुनाव लड़े थे, और भारी मतों से विजयी हुए हैं।़

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