दल बदलकर भी नहीं जीत पाए ये दिग्गज

चुनावों के समय अक्सर कई नेताओं को दल बदलते देखा जा सकता है। ऐसा वह जीतने के लिए या किसी अच्छे अवसर के लालच में करते हैं। लोकसभा चुनावों में नेताओं की यह रणनीति ज्यादा काम नहीं आई। चुनाव आयोग के आकड़े बताते हैं कि ज्यादातर दल बदलने वाले नेता संसद की चौखट पर पहुंचने में नाकाम रहे हैं।

Update: 2019-05-24 14:15 GMT

लखनऊ। चुनावों के समय अक्सर कई नेताओं को दल बदलते देखा जा सकता है। ऐसा वह जीतने के लिए या किसी अच्छे अवसर के लालच में करते हैं। लोकसभा चुनावों में नेताओं की यह रणनीति ज्यादा काम नहीं आई। चुनाव आयोग के आकड़े बताते हैं कि ज्यादातर दल बदलने वाले नेता संसद की चौखट पर पहुंचने में नाकाम रहे हैं।चुनाव आयोग के अनुसार संसद बनने के आस में 75 से अधिक उम्मीदवारों ने चुनाव से पहले एक दल का हाथ छोड़कर दूसरे दलों का हाथ थाम लिया है, जिसमें से 47 को हार मिली।

कई बड़े दिग्गज नेता चुनाव हारे

अभिनय क्षेत्र से राजनीति में आये शत्रुघ्न सिन्हा बिहार में पटना साहिब संसदीय सीट पर भाजपा के रविशंकर प्रसाद से 2.84 लाख के अधिक वोटों के अंतर से हार गये। अप्रैल में ही शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आए थे। मधेपुरा से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व जदयू अध्यक्ष शरद यादव अपनी पिछली पार्टी के दिनेश चंद्र यादव से तीन लाख के अधिक मतों से हार गए। शरद पवार की राकांपा छोड़कर कांग्रेस में आये तारिक अनवर कटिहार से 57000 से अधिक वोटों के अंतर से हार गये। बीजेपी नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा था, वह भी हार गए। बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े पूर्व बीजद नेता बैजयंत पांडा केंद्रपाड़ा में 1.52 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हार गये।

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कुछ दलबदलू चुनाव जीतने में रहे सफल

भोजपुरी अभिनेता रविकिशन शुक्ला गोरखपुर सीट पर भाजपा के टिकट पर तीन लाख वोटों के अंतर से जीते। इससे पहले पिछला चुनाव उन्होंने जौनपुर से बीजेपी के टिकट पर लड़ा था। जनता दल सेकुलर से बहुजन समाज पार्टी में आये दानिश अली अमरोहा से चुनाव जीत गये। कर्नाटक से तीन नेता कांग्रेस छोड़कर चुनावों से पहले भाजपा में आये थे और उनमें से दो ने चुनाव जीत लिया। उमेश यादव ने गुलबर्गा में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे को हराया जबकि वाई देंवेंद्रप्पा बेल्लारी से विजयी रहे। महाराष्ट्र में वरिष्ठ कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजॉय विखे पाटिल कांग्रेस से भाजपा में आ गये थे। उन्होंने महाराष्ट्र की अहमदनगर सीट पर 2.81 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की। 

(भाषा से इनपुट)

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