मानसून: कम हो रहा है अल नीनो का प्रभाव, पूरे जुलाई में झूम कर बरसेंगे बदरा

Update: 2019-07-13 13:27 GMT

लखनऊ। इस महीने मानसून का पहले से बेहतर रहने की संभावना है। इसकी वजह है अल-नीनो का पिछले महीने से कमजोर होना। अमेरिकी मौसम एजेंसी नेशनल ओशियनिक और एटमॉसफियरिक एडमिनिस्ट्रेशन(NOAA) ने गुरूवार को एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि अल नीनो का प्रभाव अगले एक या दो महीनों में पूरी तरह से गायब हो जाएगा।

अल नीनो की वजह से कमजोर हुआ था मानसून

अमेरिकी मौसम एजेंसी के अनुसार यह अगले एक या दो महीने में गायब हो जाएगा। प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र के समुद्र के तापमान और जलवायु में आए बदलाव का जिम्मेदार अल नीनो को माना जाता है। इसके कारण समुद्र के जल का तापमान समान्य से ज्यादा होता है। इसके परिणाम होता है कि भारत में मानसून कमजोर पड़ जाता है। वहीं अस्ट्रेलियन की मौसम एजेंसी BOM के अनुसार जून में अल नीनो न्यूट्रल स्थिति में पहुंच जाएगा और नवंबर तक इसी स्थिति में रहेगा।

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अलनीनो का प्रभाव कम होना मानसून के लिए अच्छी खबर

इससे पहले एजेंसियों ने अल-नीनो का सितंबर के अंत तक जारी रहने का अनुमान लगाया था। लेकिन क्लाइमेट प्रीडिक्शन सेंटर और अमेरीका की राष्ट्रीय एजेंसियों ने बीते गुरुवार को जारी में कहा था कि पिछले महीने से अल-नीनो काफी कमजोर हुआ है। नए रिपोर्ट के अनुसार अगले दो महीने में अल नीनो का प्रभाव खत्म हो जाएगा।मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मानसून के लिए यह बेहद अच्छी खबर है।

समान्य से 22 प्रतिशत ज्यादा होगी बारिश

जुलाई में मानसून सामान्य से 22 प्रतिशत ज्यादा रहने की संभावना है। एक जून से समग्र बारिश की कमी पिछले महीने के अंत में 33 प्रतिशत से घटकर 12 प्रतिशत हो गई है।देशभर में खासतौर से केंद्रीय और उत्तरी पश्चिमी भारत में बारिश में अगले तीन-चार दिनों में कमी होने की संभावना है। लेकिन इस बारे में कई मौसम एजेंसियों के अलग अलग मत है। वहीं आईमडी(IMD) के अनुसार दक्षिण भारत के 5 राज्यों में 18 जुलाई से 24 जुलाई के बीच भारी बारिश हो सकती है। 

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