फूलन देवी की मां: 'जिस जमीन की वजह से फूलन डाकू बनी, वह जमीन अब तक नहीं मिली'

वह कौन सी वजह थी जिसने आपकी बेटी फूलन देवी को डाकू बनने के लिए मजबूर किया? इस पर मुला देवी कहती हैं, “जिस जमीन की वजह से वह डाकू बनी थी, वह जमीन हमें अब तक वापस नहीं मिली। न मईयादीन (फूलनदेवी का चचेरा भाई) जमीन लेता न फूलन डाकू बनती। बिटिया भी मर गयी, पर सरकार जमीन नहीं दिला पाई।"

Update: 2020-01-24 08:16 GMT

जालौन (बुन्देलखण्ड)। "सब आते हैं फोटो खींचकर चले जाते हैं। कोई कुछ नहीं करता।" शाल ओढ़े रजाई में बैठी फूलन देवी की मां मुला देवी (85 वर्ष) खीजते हुए कहती हैं।

वह कौन सी वजह थी जिसने आपकी बेटी फूलन देवी को डाकू बनने के लिए मजबूर किया? इस पर मुला देवी कहती हैं, "जिस जमीन की वजह से वह डाकू बनी थी, वह जमीन हमें अबतक वापस नहीं मिली। न मईयादीन (फूलनदेवी का चचेरा भाई) जमीन लेता न फूलन डाकू बनती। बिटिया भी मर गयी, पर सरकार जमीन नहीं दिला पाई।"

फूलन देवी 10 अगस्त 1963 को जालौन जिले के कालपी तहसील के शेखपुर गुढ़ा गांव में एक मल्लाह परिवार में जन्मी थीं। फूलन पांच बहन और एक भाई में दूसरे नम्बर की थीं। फूलन के ताऊ के लड़के मईयादीन (फूलनदेवी का चचेरा भाई) ने पुश्तैनी जमीन पर कब्ज़ा कर लिया था जो फूलन को नागवार गुजरा। इस जमीन के विवाद को लेकर बचपन में फूलन देवी की कई बार चचेरे भाई से झड़प हुई थी।

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मुला देवी कहती हैं, "छोटे से ही फूलन जमीन के लिए लड़ जाती थी। झूठी डकैती का आरोप लगाकर मईयादीन ने उसे जेल पहुंचा दिया। उसने सब जगह शोर कर दिया कि फूलन के घर डकैत आते हैं, फूलन भी डकैत है।"

फूलन देवी की मां ने आरोप लगाया कि जब फूलन देवी पर उनके चचेरे भाई ने डकैती का झूठा आरोप लगाया था तब फूलन कई दिनों तक जेल में बंद रहीं। जब छूटकर घर आयी तब विक्रम मल्लाह नाम का डकैत उसे पकड़ने के लिए, जब उसे फूलन दिखी नहीं तो हमारे बेटे को पकड़ लिया। ये सब देखकर फूलन बाहर निकल आयी और उनके साथ चली गयी।

"न जमीन की ये लड़ाई होती न उसे झूठी डकैती में फंसाया जाता और न डाकू पकड़कर ले जाते। पूरा मामला जमीन पर टिका है। कुछ साल हमने जमीन जोती पर जब फूलन मर गयी फिर मईयादीन ने ले ली।" मुला देवी बताती हैं, "पुलिस ने न जमीन दिलवाई न मुलादीन को पकड़ा। बिटिया को मरे इतने साल हो गये सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की।"

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ये है फूलन देवी का घर जहां उनकी मां मुला देवी रहती हैं.

मुला देवी के अनुसार जब फूलन को डकैत पकड़कर ले गये इसके बाद पुलिस ने घर में कई बार कुड़की की। हमें भी जेल में बंद रखा। हम खाने तक को तवाह हो गये थे पर हमने बेटे की पढ़ाई नहीं रोकी। उस समय इंदिरा गांधी से हमारी बिटिया ने जो-जो मांगा उन्होंने सब पूरा किया। बस जमीन नहीं मिल पायी।

"बचपन से ही फूलन हमारे साथ खेतों में काम करने जाती, बकरियां चराती। जमीन की लड़ाई के चक्कर में उसकी कम उम्र में शादी कर दी। तब वह बहुत दुबली-पतली थी। सोचा पांच-छह साल बाद गौना करेंगे लेकिन लड़के वाले माने नहीं।" मुला देवी ने बताया, "फूलन वहां बीमार रहने लगी तो घर आ गयी, उसने दोबारा शादी कार ली।"

फूलन की शादी फूलन से दोगुनी उम्र के व्यक्ति पुत्तीलाल से शादी हुई थी। ससुराल में उसके साथ कई तरह की यातनाएं हुई। फूलन अपने घर वापस आ गयी। ऐसा आरोप है कि डकैत बनने के बाद फूलन ने पुत्तीलाल से भी मारपीट करके बदला लिया था। 

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