सोया खली के निर्यात में गिरावट का क्रम जारी, ताजा आकड़ों में 82 फीसदी घटा निर्यात

सोया खली के निर्यात में लगातार गिरावट का क्रम जारी है। मई के अंतिम सप्ताह तक इसका निर्यात 82 प्रतिशत घटकर 18471 टन रह गया है। अंतराष्ट्रीय मांग में कमी सोया खली के निर्यात में गिरावट का वजह मानी जा रही है।

Update: 2019-06-10 14:06 GMT

लखनऊ।सोया खली के निर्यात में लगातार गिरावट का क्रम जारी है। मई के अंतिम सप्ताह तक इसका निर्यात 82 प्रतिशत घटकर 18471 टन रह गया है। अंतराष्ट्रीय मांग में कमी सोया खली के निर्यात में गिरावट का वजह मानी जा रही है। मई 2018 में देश सोया खली 1,03,000 टन के स्तर पर रहा था।

भारत से सोया खली के निर्यात में ईरान सबसे आगे

आकड़ों के मुताबिक इस बार भारतीय सोया खली को सबसे ज्यादा मंगाने वालों में ईरान सबसे उपर रहा है।फारस की खाड़ी में स्थित इस मूल्क ने पिछले महीने भारत से सोया खली की 17,384 टन की खेप मंगायी। मौजूदा तेल विपणन वर्ष (अक्टूबर 2018-सितंबर 2019) में अक्टूबर से मई के बीच देश से सोया खली का निर्यात तकरीबन 17.06 लाख टन रहा । यह पिछले तेल विपणन वर्ष के शुरूआती आठ महीनों के दौरान 12.81 लाख टन के सोया खली नर्यिात के मुकाबले करीब 33 फीसद अधिक है। 

सोया खली के निर्यात में गिरावट की वजह

जानकारों ने बताया कि पिछले कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोया खली की कीमत अमेरिका, ब्राजील और अर्जेन्टीना के सोया खली के मुकाबले ज्यादा बनी हुई है। कई देश इस वजह से भारतीय सोया खली के मुकाबले अन्य देशों के सोया खली को अपने यहां आयात करने की प्राथमिकता दे रहे हैं। अमेरिका ब्राजील और अर्जेंटिना के देश सोया खली का निर्यात काफी कम कीमत में करते हैं। इसलिए कई सारे देश इन दे्शों के से सोया खली लेते हैं , जो उनके बजट पर भी अधिक प्रभाव नहीं डालते हैं।

क्या है सोया खली?

सोया खली वह उत्पाद है जो सोयाबीन का तेल निकाल लेने के बाद बचा रह जाता है। यह उत्पाद प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत है। इससे सोया आटा और सोया बड़ी जैसे खाद्य उत्पादों के साथ पशु आहार तथा मुर्गियों का दाना भी तैयार किया जाता है। भारत सोया खली का हमेशा से बड़ा निर्यातक रहा है। सोया खली के निर्यात में कमी भारत के लिए एक बड़ी समस्या है।सोया खली के निर्यात में बढ़ोत्तरी के लिए सरकार को फिर से कीमतों को लेकर एडवाइजरी जारी करना चाहिए

(भाषा से इनपुट)

Similar News