रेल मंत्री के दौरे के बाद भी नहीं सुधरी स्टेशन की हालत

Update: 2016-01-17 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

सिद्धार्थनगर। एक तरफ देश में स्वच्छ भारत मिशन वहीं दूसरी तरफ सिद्धार्थनर रेलवे स्टेशन पर लघुशंका की भी व्यवस्था नहीं है और शौचालय में ताला लगाकर चाभी स्टेशन अधीक्षक के पास रहती है। बात सुनने में अजीब है, लेकिन सच है।

स्टेशन अधीक्षक दुर्गेश कहते हैं, ''लोग स्टेशन के शौचालय को गंदा कर देते हैं, इसलिए चाभी मैं अपने पास रखता हूं, अगर किसी को जरूरत हो तो वो मुझसे चाभी लेकर शौचालय का उपयोग कर सकता है।’’ सरकार के दावे अपनी जगह, स्टेशन मास्टर की व्यवस्था अलग है।

जनपद मुख्यालय सिद्धार्थनगर के रेलवे स्टेशन का नाम अभी भी नौगढ़ ही है। नौगढ़ रेलवे स्टेशन से 25 किमी उत्तर की ओर भगवान बुद्ध की क्रीड़ास्थली कपिलवस्तु है। बौद्ध तीर्थस्थल के रूप में इस स्टेशन का विशेष महत्व है। बुद्ध से जुड़ाव को देखते हुए रेलवे स्टेशन की सभी दीवारों पर भगवान बुद्ध का चित्र बनाकर सजाया गया है, मगर जब आप स्टेशन पर व्यवस्थाओं पर निगाह डालेगें तो शर्मनाक तस्वीर सामने आएगी। करीब एक-एक किमी लम्बे प्लेटफार्म नम्बर एक व दो पर कहीं भी मूत्रालय नहीं बना हैं। शौचालय तो बना है मगर इसके दोनों दरवाजों पर हर समय ताला लगा रहता है। 

प्लेटफार्म पर ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे विजय बहादुर पाठक ने बताया, ''पूरे स्टेशन का चक्कर लगाकर देख लिया मगर कहीं भी पेशाब करने का इंतजाम नहीं दिखाई दिया। स्टेशन पर सफाई की व्यवस्था भी बदहाल रहती है इसके अलावा पानी पीने की टोटी भी कई जगह टूटी हैं। 

लम्बे निर्माण कार्य के बाद गोंडा-गोरखपुर प्रखंड पर स्थित नौगढ़ रेलवे स्टेशन अब बड़ी लाइन की गाडिय़ों से जुड़ गया है। विगत 22 नवंम्बर 2015 को रेल मंत्री सुरेश प्रभु की उपस्थिति में यहां से लखनऊ व मुम्बई जाने वाली ट्रेनों का भी उद्घाटन कर दिया गया है। इसके बाद स्टेशन पर यात्री की आमद कई गुना बढ़ गयी है, जिससे स्टेशन की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई हैं। पूछताछ का कोई काउंटर ना होने से यात्री इधर-उधर भटकते रहते हैं।’’ 

आम आदमी पार्टी के जिला सचिव आशीष शुक्ला ने बताया, ''मांग पत्र देने के बाद भी स्टेशन की समस्याएं दूर नहीं हुई हैं। अब रेलमंत्री को पत्र देकर अधिकारियों को दंडित करने की मांग की जाएगी।’’

रिपोर्टर - दीनानाथ

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