बजट 2019: क्या ओडिशा-आंध्र प्रदेश की तरह किसानों को सीधी रकम का दायरा बढ़ाएगी मोदी सरकार ?

Update: 2019-07-03 13:45 GMT

पहले सूखे की मार और अब मानसून से लगभग धोखा खाए देश के साढ़े 14 करोड़ किसानों को 5 जुलाई का इंतजार है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का बजट (Union Budget) पेश करेंगी। आम बजट से पहले हुई नीति आयोग (Niti Ayog) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा दोहराया। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बजट में संकटग्रस्त कृषि सेक्टर को बड़ी सौगात मिलेगी।

पिछले साल नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों को साल में 6000 रुपए देने की जिस प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की शुरुआत की थी, वो तेलंगाना की रायतु बंधु योजना से प्रेरित थी। तेलंगाना में टीआरआएस सरकार किसानों को साल में 8000 रुपए की सीधी सहायता करती है। तेलंगाना के पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में अब नई सरकार जगन मोहन रेड्डी सरकार साल में 12500 रुपए की सहायता देगी। पहले यहां 10 हजार रुपए का प्रावधान था। जबकि पांचवीं बार सत्ता संभालने वाले ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस मामले में सभी राज्यों से आगे निकल गए हैं। Full View

ओडिशा की 'जीविकोपार्जन एवं आय वृद्धि के लिए कृषक सहायता' योजना पिछले चुनाव में टर्निंग प्वाइंट साबित हुई है। ओडिशा में गरीब और भूमिहीन आदिवासियों को खेती में काम करने पर 12500 रुपए भी साल में मिलते हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि ऐसा हो सकता है कि पिछले बजट की तरह केंद्र सरकार नए बजट में किसानों के लिए खास प्रावधान करे। इन राज्यों में अपने यहां कर्ज़माफी की जगह पर किसानों को सीधी सहायता को बढ़ावा दिया है ताकि किसान साहूकार के पास न जाएं और सरकार से मिले पैसों से खेती की शुरुआत कर सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने भी लोकसभा चुनाव में किए वादे के मुताबिक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का दायरा बढ़ाकर सभी किसानों में इसमें शामिल कर लिया है।


एनडीए सरकार की इस योजना की किसानों के साथ कृषि अर्थशास्त्रियों ने भी तारीफ की। देश के प्रख्यात खाद्य एवं निर्यात नीति विशेषज्ञ देविंदर शर्मा कहते हैं कि 6000 रुपए की सहायता बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन कम से कम शुरुआत तो हुई। वो इसे साल में 18000 रुपए तक किए जाने की लगातार वकालत करते रहे हैं।

पिछले दिनों स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. सौम्य क्रांति घोष अपने एक रिसर्च पेपर में किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) को एक सकारात्मक पहल बताते हुए इसे अगले पांच साल के लिए 6000 सालाना से बढ़ाकर 8000 करने की वकालत कर चुके हैं। उनके मुताबिक इससे मार्केट में 'फीलगुड' आएगा। नीति आयोग अपनी स्थापना के साथ ही किसानों की कर्ज़माफी के पक्ष में नहीं है। कर्ज़माफी और सरकारी सब्सिडी की जगह डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की लेकर काफी दिनों से चर्चा भी छिड़ी है। चलिए आपको बताते हैं, तीन राज्य अपने यहां कैसी योजनाएं चला रहे हैं।

ओडिशा में साल के 1000 रुपए किसानों को, भूमिहीन आदिवासियों को 12500

ओडिशा में नवीन पटनायक सरकार 10,180 करोड़ रुपए की 'जीविकोपार्जन एवं आय वृद्धि के लिए कृषक सहायता' योजना से छोटे और भूमिहीन किसानों को रबी और खरीफ के सीजन में 5000-5000 हजार रुपए देती है। Krushak Assistance for Livelihood and Income Augmentation (KALIA) योजना के तहत तीन साल के लिए एक हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। 50 हजार रुपए तक का कृषि लोन भी जीरो फीसदी ब्याज पर है, जबकि बाकी राज्यों में ये 7 फीसदी है, जिसमें तीन फीसदी केंद्र सरकार सब्सिडी देती है, इस तरह सही समय पर कर्ज़ चुकाने वालों 4 फीसदी ब्याज देना होता है। ओडिशा में दलित और आदिवासी भूमिहीन लोगों को खेती से जुड़े काम करने के लिए 12500 रुपए की आर्थिक सहायता भी मिलती है।

आंध्रप्रदेश में 12,500 रुपए की सीधी सहायता

दक्षिण भारत के बड़े राज्य आंध्रप्रदेश में सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने बड़ा फैसला करते हुए किसानों को ऋतुराज योजना के तहत साल में 12500 देने का ऐलान किया। योजना 15 अक्टूबर 2019 से लागू होगी। इससे पहले चंद्रबाबु नायडू सरकार किसानों को साल के 10 हजार रुपए दे रही थी। जिसके तहत जो किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में आते हैं उन्हें 4 हजार और योजना में न आने वालों को 10 हजार दिए जाने थे, लेकिन जगन मोहन रेड्डी ने योजना के बड़ा बदलाव कर किसानों को बड़ी सौगात दी।

नकद पैसे देने वाला पहला राज्य तेलंगाना

किसानों को सीधे पैसा देने की शुरुआत करने वाला राज्य तेलंगाना है। साल 2014 को बनाए गए इस राज्य ने खेती में कई अमूलचूल बदलाव किए हैं। पानी बचाने से लेकर किसानों तक वैज्ञानिक सलाह पहुंचाने तक तेंलगाना की सराहना हो हो चुकी है। मुख्मयंत्री के चंद्रशेखर राव ने सत्ता संभालते रायतु बंधु Rythu Bandhu, योजना शुरु की थी, जिसके तहत किसानों को डायरेक्ट आर्थिक सहायता के रुप में साल में दो बार 4000-4000 रुपए प्रति एकड़ की रकम दी जाती है।

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार के इस फैसले को ही केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने लागू किया और पूरे देश में लागू किया। 2018-19 के बजट में टीआरएस सरकार ने इसके लिए 12000 करोड़ का प्रावधान किया था। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा ये हुआ कि तेलंगाना के सारे लैंड रिकार्ड दुरुस्त हो गए थे।

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