रोडवेज़ के पास नहीं मैकेनिक, कौन कसे बसों के पेंच

Update: 2016-05-09 05:30 GMT
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लखनऊ। शहर में सार्वजनिक यातायात को दुरुस्त करने और लोगों की सहूलियत के लिए रोडवेज ने सैकड़ों सीएनजी बसें सड़कों पर उतार दी हैं लेकिन कोई बस खराब हो जाती है तो उसे ठीक करने वाले मैकेनिको की रोडवेज में भारी कमी है। ऐसे में कई बार बसें 24-24 घंटे सड़कों पर खड़ी रह जाती हैं।

लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड तकनीकी स्टॉफ की कमी से शहर में आए दिन किसी न किसी रूट पर बस खराब होकर खड़ी हो जाती हैं या फिर बसें रूट ऑफ होकर जाती हैं तो सही होकर सड़क पर संचालन के लिए नहीं निकल पा रही हैं। वर्कशाप में कर्मचारियों की कमी का खामियाजा आम यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।

लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ए रहमान ने बताया कि सीएनजी बसों को ठीक करने के लिए तकनीकी स्टॉफ वर्कशाप में कम है। स्टॉफ की कमी अभी से नहीं है, बहुत समय से चल रही है। इसके लिए भर्ती भी शुरू कर दी है। पहले जिन लोगों को ट्रेनिंग दी गई, वो ज्यादा पैसे के लालच में दिल्ली भाग गए क्योंकि लखनऊ की अपेक्षा दिल्ली में सीएनजी बसों का संचालन ज्यादा है। 

राजधानी में कुल 300 सीएनजी बसें है जिनमें से 50 प्राइवेट हैं। इन सभी के लिए 160 कर्मचारी हैं पर उनमें से 30 कर्मचारी ही ऐसे हैं जो बसों की देख-रेख करते हैं।

यात्रियों को सफर में कोई समस्या न हो इसके लिए सिटी बस प्रबंधन ने टेक्निकल स्टॉफ में इजाफा करने का फैसला लिया है।प्रबंध निदेशक ए रहमान ने बताया कि टाटा व टाटा मार्कोपोलो लो फ्लोर एसी और नॉन एसी सीएनजी बसों के लिए तकनीकी, इलेक्ट्रिक व बाडी कार्य की मरम्मत के मद्देनजर कुशल व अनुभव कर्मियों की जरूरत है। 

इसके लिए तकनीकी स्टॉफ की भर्ती की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी समस्त शैक्षिक प्रमाण पत्र एवं अनुभव सर्टिफिकेट के साथ किसी भी दिन गोमतीनगर डिपो में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के मध्य साक्षात्कार दे सकते हैं। 

डिपो के फोरमैन तकनीकी स्टॉफ की भर्ती के लिए उनका साक्षात्कार लेंगे। साक्षात्कार में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती किया जाएगा। एमडी ने बताया कि तकनीकी कर्मचारियों की कमी पूरी होने के बाद बसें रूट ऑफ नहीं होंगी जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

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